जिले में वायरल बुखार का बढ़ा प्रकोप
जिले में वायरल फीवर का प्रकोप अब तेजी से बढ़ने लगा है. इसकी बानगी सरकारी व निजी अस्पतालों में देखने को मिल रही है. अस्पताल पहुंच रहे मरीजों में सौ में 20 से 25 वायरल फीवर से पीड़ित पाये जा रहे हैं. शुक्रवार को सदर अस्पताल में ओपीडी में आये 592 मरीजों में 200 से अधिक मरीज बुखार से पीड़ित रहे.जिससे मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
सीवान.जिले में वायरल फीवर का प्रकोप अब तेजी से बढ़ने लगा है. इसकी बानगी सरकारी व निजी अस्पतालों में देखने को मिल रही है. अस्पताल पहुंच रहे मरीजों में सौ में 20 से 25 वायरल फीवर से पीड़ित पाये जा रहे हैं. शुक्रवार को सदर अस्पताल में ओपीडी में आये 592 मरीजों में 200 से अधिक मरीज बुखार से पीड़ित रहे.जिससे मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शिशु रोग विभाग में 103 ,सामान्य ओपीडी में 300 ,महिला ओपीडी में 40 व अन्य में 52 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो चुका था.बारिश के दौरान मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है.सर्दी, खांसी के साथ-साथ वायरल फीवर धीरे-धीरे प्रत्येक गांव में फैलने लगा है. बीमारी की शुरुआत में मरीजों के बदन में इतना तेज दर्द होता है. इसके बाद जुकाम व बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है.बुखार भी इतना तेज आता है कि पीड़ित बेचैन हो जाता है. जिस घर में इसका प्रकोप शुरू होता है उस घर के प्रत्येक व्यक्ति को बारी-बारी से अपनी जद में ले रहा है.यही कारण है कि सरकारी व निजी अस्पतालों में मौसमी बीमारी समेत बुखार से पीड़ित मरीजों की लाइन लगी रहती है. आंकड़ों पर गौर करें तो प्रत्येक सप्ताह में तकरीबन पांच हजार लोग ओपीडी में इलाज करने पहुंचते हैं. बुखार ठीक होने के बाद बढ़ जाती है कमजोरी व खांसी वायरल फीवर की जद में आने के बाद मरीज को कमजोरी का एहसास होने लगता है. इस कारण घूमने-टहलने में उसे चक्कर भी आ जाता है. इतना ही नहीं बुखार ठीक होने के बाद पीड़ित व्यक्ति खांसी का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें बुखार की दवा बंद करने के बाद फिर खांसी का इलाज कराना पड़ रहा है. यूं कहें कि वायरल फीवर के साथ पीड़ित अन्य बीमारियों की भी जद में आ जाता है. विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत चिकित्सक व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि वायरल फीवर हो या फिर वायरल हेपेटाइटिस दोनों स्थिति में सावधानी बरतने की जरूरत है. खासकर वायरल हेपेटाईटिस बाहर के खान पान के कारण होता है. इसलिए बच्चों को बाहर के खान पान से बचाकर रखें. इससे इंफेक्शन से बचें रहेंगे. किसी तरह का दूषित खान पान न करने दें. पूरी तरह से साफ सुथरा बच्चों को रखें और शुद्ध भोजन कराएं बारिश के जमें हुए पानी से दूर रखें.तेज धूप से भी बचाएं. दोनों छोटे बच्चों को नुकसानदेह हो सकता है. गर्मी की वजह से बीमारी के लोग हो रहे शिकार सदर अस्पताल के ओपीडी में तैनात चिकित्सक सुनील कुमार ने बताया की अत्यधिक गर्मी की वजह से बच्चों से लेकर बड़ों तक में वायरल फीवर की परेशानी हो रही है. वायरल फीवर में बच्चों से लेकर बड़ों तक में सर्दी, खांसी और तेज बुखार की परेशानी की शिकायत है यह परेशानी सभी लोगों में हो रहा है.ओपीडी के सामान्य विभाग में 250 से 300 की संख्या तक रोगी देखा जाता था.यह संख्या अभी 375 तक पहुंच गई है.
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