कहीं बेटा तो कहीं पोता बना श्रवण कुमार
लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने के लिए बुजुर्गों में काफी उत्साह था. उनके द्वारा मतदान केंद्र पर पहुंचना युवाओं के लिए किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं था. बुजुर्गों के हौसले को हर किसी ने सलाम किया
सीवान. लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनने के लिए बुजुर्गों में काफी उत्साह था. उनके द्वारा मतदान केंद्र पर पहुंचना युवाओं के लिए किसी प्रेरणा स्रोत से कम नहीं था. बुजुर्गों के हौसले को हर किसी ने सलाम किया. इन बुजुर्गों को मतदान केंद्र पर लाने में किसी के बेटा तो किसी के पोता ने श्रवण कुमार की भूमिका निभायी. गोरेयाकोठी प्रखंड के हरिहरपुर कला मतदान केंद्र संख्या- 31 में जब 80 वर्षीय शिक्षक श्याम नारायण सिंह पहुंचे तो, उनके मतदान के प्रति जुनून का हर किसी ने तारीफ की. बेटा राणा प्रताप सिंह बूथ पर लेकर पहुंचे थे. श्याम नारायण सिंह ने बताया कि पांच साल से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. पिछले तीन दिनों से पूरे परिवार को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे. इसी मतदान केंद्र पर 80 वर्षीय शिवकली देवी भी पहुंची थी. वे अपने पोता दिव्यांशु कुमार के साथ वोट देने लाठी के सहारे पहुंची. वहीं मध्य विद्यालय हेतिमपुर में 85 वर्षीय रामनरेश सिंह को उनका बेटे व पोता मोटरसाइकिल पर लेकर बूथ पर पहुंचे. इसी बूथ पर 82 वर्ष राजेन्द्र व 80 वर्षीय शिवनारायण प्रसाद भी पहुंचे थे.उधर हसनपुर संवाददाता के अनुसार मध्य विद्यालय हसनपुरा के बुथ संख्या 46 पर दादी को गोद में लेकर वोट दिलाने युवक पहुंचा.उसने कहा कि दादी को मतदान करने को लेकर काफी उत्साह था.ऐसे में हमने वोट दिलाकर अपना फर्ज निभाया.
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