करते रहे स्टेटस वरना रद्द हो जाएगा म्यूटेशन का आवेदन

जमीन के दाखिल- खारिज या जमीन की रजिस्ट्री करने के बाद परिमार्जन के लिए आवेदन दिया है, तो सतर्क रहे. अपने आवेदन का स्टेटस चेक करते रहें.नये नियम के तहत सिर्फ 30 दिन का मौका दिया जायेगा. इसके बाद आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2025 9:37 PM

संवाददाता. गुठनी. जमीन के दाखिल- खारिज या जमीन की रजिस्ट्री करने के बाद परिमार्जन के लिए आवेदन दिया है, तो सतर्क रहे. अपने आवेदन का स्टेटस चेक करते रहें.नये नियम के तहत सिर्फ 30 दिन का मौका दिया जायेगा. इसके बाद आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा. रैयत 30 दिन के अंदर आवेदन में किसी तरह की गड़बड़ी या त्रुटि होने पर संबंधित सीओ उसे आवेदक को वापस भेज देते हैं.आवेदन लौटने के बाद उन त्रुटियों को हर हाल में 30 दिनों के अंदर सुधार लें. ऐसा नहीं किया तो आवेदन रद्द कर दिया जायेगा. परिमार्जन प्लस पोर्टल पर तय अवधि के अंदर सुधार नहीं करने पर आवेदन स्वतः रद्द हो जायेगा. आवेदन रद्द होने के बाद रैयत को फिर से पूरी प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी. नये नियमों के साथ दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके तहत सीओ किसी भी दाखिल-खारिज के आवेदन में त्रुटि पाए जाने पर उसे आवेदक के लॉगिन में कारण बताते हुए वापस भेज देते हैं. तब आवेदकों को दोबारा से उसी लॉगइन से सुधार कर आवेदन को ऑनलाइन भेजना होता है. पहले इसे लेकर कोई समय सीमा तय नहीं थी. इससे आवेदक अपनी सुविधा के अनुसार गलतियों को सुधार कर भेजते थे. अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि, इसके लिए 30 दिन की अधिकतम समय सीमा तय कर दी है. इसके बाद पोर्टल पर यह स्वतः रद्द हो जाता है. इससे बचने के लिए आवेदन अपने लॉगिन के माध्यम से इसकी स्टेटस चेक करते रहें. बढ़ते लंबित मामलों को लेकर नियम में हुआ बदलाव दाखिल -खारिज आवेदन त्रुटि के बाद और आवेदक के लॉगिन में आवेदन वापस भेजने के बाद लगातार दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या में इजाफा हो रहा था. आवेदक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे. इस कारण परेशानी हो रही थी. इससे लंबित मामलों की संख्या कम होगी. साथ ही परिमार्जन का काम करने में अधिकारियों को आसानी होगी. मकसद दाखिल खारिज के मामलों को जल्द से जल्द निपटाना है. क्या कहते हैं अंचलाधिकारी रैयत हैं और आवेदन में किसी तरह की गलती रह गयी हो, तो एक बार लॉगिन जरूर जांच कर लें. पेडिंग दिखा रहा हो, तो सुधार करते हुए तुरंत कागजात के साथ आवेदन को ऑनलाइन कर दें. डॉ विकास कुमार, सीओ, गुठनी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version