कर्मियों की गलती से कागजात में त्रुटियां

भूमि सर्वेक्षण के लिए कागजात इकट्ठा करने में रैयतों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ रहा है.इसके लिए रैयतों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.विभाग द्वारा ऑनलाइन किये गये जमीन के दस्तावेजों में कई तरह की त्रुटियां दिख रही है. इसको लेकर लोग चिंतित व परेशान है. त्रुटियों में सुधार के लिए लोग अंचल कार्यालय का दौड़ लगा रहे है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 8:24 PM

संवाददाता,सीवान.भूमि सर्वेक्षण के लिए कागजात इकट्ठा करने में रैयतों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ रहा है.इसके लिए रैयतों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.विभाग द्वारा ऑनलाइन किये गये जमीन के दस्तावेजों में कई तरह की त्रुटियां दिख रही है. इसको लेकर लोग चिंतित व परेशान है. त्रुटियों में सुधार के लिए लोग अंचल कार्यालय का दौड़ लगा रहे है.जमाबन्दी में सुधार के लिए लोग साइबर कैफे में भीड़ लगा रहे है.जिससे उनका आर्थिक शोषण हो रहा है. लोगों ने बताया कि उनकी जमीन का खाता, रकबा, प्लौट नंबर गलत दर्ज कर दिया गया है. उन्हें पैसा खर्च कर व समय नष्ट कर उसमें सुधार कराने के लिए फिर से साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है.त्रुटि से भूमि सर्वे का कार्य नहीं हो सकता है. इसको सुधरवाने के लिए साइबर कैफे में ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है.वही जमाबन्दी में भी रैयतों के नाम को बदल दिया गया.बानगी के तौर पर रामसुंदर का श्यामसुंदर कर दिया गया है.इस तरह की परेशानी से काफी लोग परेशान है.मालूम हो कि राज्य सरकार के निर्देश पर अंचल कार्यालयों के अधिकारियों की देखरेख में कर्मचारियों द्वारा किसानों के कागजातों को ऑनलाइन किया गया, ताकि जरूरत पड़ने पर किसानों को अपनी भूमि के ब्यौरा की जानकारी आसानी से मिल सके.राजस्व जमा करने में सुविधा हो.इससे अब घर से फाइल लेकर कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जमीन से संबंधित कुछ जानकारी डालकर ऑनलाइन सबकुछ देखा जा सकता है. आय, जाति, निवास, एलपीसी आदि के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करना आसान होगा. कर्मचारियों की अनदेखी से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

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