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खराब चावल राइस मिल को किया जा रहा वापस

जिले में सरकारी दर पर धान की खरीद अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है. इसके कारण लक्ष्य से 56 फीसदी पीछे धान की खरीद हुई है. अभी तंक 50 पैक्स को खरीद की अनुमति नहीं मिलने के कारण वहां पर खरीद नहीं हो रही है. वैसे पैक्स को अभी तक दूसरे पैक्स से टैग तक नहीं किया गया है.

संवाददाता,सीवान. जिले में सरकारी दर पर धान की खरीद अब तक रफ्तार नहीं पकड़ी है. इसके कारण लक्ष्य से 56 फीसदी पीछे धान की खरीद हुई है. अभी तंक 50 पैक्स को खरीद की अनुमति नहीं मिलने के कारण वहां पर खरीद नहीं हो रही है. वैसे पैक्स को अभी तक दूसरे पैक्स से टैग तक नहीं किया गया है. धान खरीद में अब मात्र 25 दिन ही समय शेष रह गया है. इसी समय अवधि में लक्ष्य को भी विभाग को प्राप्त करना है. लेकिन जिस हिसाब से धान खरीद चल रही है वैसे में लक्ष्य को पाना आसान नहीं होगा. कई पैक्स लक्ष्य की प्राप्ति के बाद खरीद भी ठप कर दी है क्योंकि उनके पास लक्ष्य ही नहीं है. धान खरीद के लिये 257 समितियों का चयन हुआ है. 6678 किसानों से 45253 टन धान की खरीद हुई है. जो लक्ष्य का 44 फीसदी ही है. एसएफसी को 1102 टन चावल उपलब्ध करा दिया गया है. पैक्स में धान बेचने के लिये 20365 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें रैयत 14821 और गैर रैयत 5544 शामिल है. – एसएफसी गोदाम पर पहुंच रहा है खराब गुणवत्ता का चावल बिहार राज्य खाद्य निगम के सीएमआर गोदाम पर इन दिनों शुरूआत में ही खराब गुणवत्ता वाला चावल पहुंच रहा है. जांच के बाद चावल को वापस कर दिया जा रहा है. इसके कारण ही सीएमआर गिराने का भी रफ्तार भी धीमा है.जिला स्तर पर आयोजित धान खरीद की बैठक में भी खराब चावल आपूर्ति का मामला उठ चुका है. इसको लेकर वरीय अधिकारियों ने नाराजगी भी व्यक्त की है. पहले ही शुरुआत में ही भगवानपुर हाट प्रखंड के मीरजुमला पैक्स राइस मिल और पचरुखी के आलापुर स्थित समृद्धि राइस मिल से तैयार चावल खराब पहुंचने पर जांच के बाद लौटा दिया गया था.राज्य औसत से कम चावल एसएफसी को आपूर्ति होने पर सहकारिता विभाग के सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.उन्होंने हर हाल में चावल की आपूर्ति लक्ष्य के अनुरूप करने का आदेश दिया है. – दूसरे राज्यों में किसानों को मिलता है बोनस, यहां कोई सुविधा नहीं किसानों का कहना है कि दूसरे राज्यों में सरकार किसानों को प्रति क्विंटल धान बेचने पर बोनस दे रही है. जबकि, यहां कोई बोनस नहीं मिलता है. इन्हीं कारणों से परेशान होकर खुले बाजार में अपना धान बेच देते हैं. राहत यह भी कि बाहर के व्यापारी घर से धान की खरीद कर ले जाते हैं.न धान पहुंचाना पड़ता है और न ही वाहन का किराया देना पड़ता है. राशि का भुगतान भी ऑन दी स्पॉट कर दिया जाता है. अगर पैक्स में धान बेचना है तो हम लोगों को अपने बोरा में धान लेकर क्रय केंद्र पर पहुंचाना पड़ता है़ साथ ही समय से राशि भी नहीं मिलता है.राशि के लिये पैक्स अध्यक्ष का चक्कर भी लगाना पड़ता है. बोले अधिकारी एसएफसी के सीएमआर गोदाम पर खराब गुणवत्ता के चावल आने की शिकायत मिली थी. इसके बाद जांच कराकर चावल को वापस करा दिया गया है. अब गुणवत्ता में सुधार हुआ है. सभी राइस मिल संचालक को आदेश दिया गया है कि गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई भी होगी. आसिफ इकबाल, जिला प्रबंधक, बिहार राज्य खाद्य निगम सीवान

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