प्रतिनिधि. गुठनी. प्रखंड में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक महीने में आवारा कुत्तों ने लगभग 556 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है. इन लोगों को पीएचसी में पिछले एक महीने में एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई गयी है. यह आंकड़ा पीएचसी के जनवरी में वैक्सीन लेने आए लोगों का है, इसके अलावा कई लोगों ने प्राइवेट अस्पतालों में भी अपना इलाज कराया है. गली मोहल्ले में आवारा कुत्तों का जमावड़ा, लोगों में दहशत बीते कुछ महीनों से प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. मुख्य मार्ग से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों में दिन रात आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सीन लेने पहुंचे नगर पंचायत के अंगद पटेल ने बताया कि बाजार से घर जाने के दौरान एक आवारा कुत्ते ने अचानक काट लिया. आवारा कुत्तों की वजह से लोगों में दहशत बनी रहती है. उन्होंने बताया कि सिर्फ उनके मोहल्ले में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को कुत्ते ने काटा है. हर दिन 70 से 80 लोगों को दी जा रही वैक्सीन प्रखंड में कुत्ते के काटने के बढ़ते मामले को लेकर पीएचसी प्रभारी शब्बीर अहमद ने बताया कि पीएचसी में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक डॉग बाइट के लिए एंटी रैबीज उपलब्ध है. जिसे कुत्ता काटता है, उसे अस्पताल में डॉक्टर वैक्सीन देते हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. फरवरी में हर रोज करीब 20 से 25 लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. लगातार बढ़ रही है संख्या आवारा कुत्तों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जिसकी वजह उनके द्वारा एक बार में अधिक बच्चे दिए जाना है. पशुपालन विभाग के डॉक्टरों के अनुसार सर्दी के मौसम में इनका प्रजनन काल रहता है, ऐसे में इस सीजन में इनकी संख्या लगातार बढ़ती रहती है. बच्चों की संख्या भी कोई निर्धारित नहीं है. एक बार में गर्भवती कुतिया 5 से 6 बच्चों को जन्म देती है. काटने के 24 घंटे के भीतर इंजेक्शन लेना बेहद जरूरी नियमित टीका केंद्र इंचार्ज जीएनएम निक्की ने बताया कि कुत्ता काटने के बाद पीड़ित को 24 घंटे के अंदर टैट-वैक ””””का इंजेकशन लेना अनिवार्य है. एटीस रेबीज इंजेक्शन के प्रथम डोज लेने के लिए फिलहाल समय की कोई गाइड लाइन सुनिश्चित नहीं है. हालांकि एहतियात के तौर पर 2 से 3 दिन के अंदर प्रथम डोज लेना चाहिए. प्रथम डोज के तीन दिन बाद दूसरा, चार दिन बाद तीसरा, सात दिन बाद चौथा डोज दिया जाता है. प्रथम डोज के बाद ही निर्धारित दिन के अंतराल में अन्य डोज लेना अनिवार्य होता है. साल 2024 में 6 महीने में आये 1392 केस जुलाई- 181 अगस्त- 205 सितम्बर- 212 अक्टूबर- 188 नवंबर- 207 दिसंबर- 198 साल 2025 में 12 फरवरी तक आये 760 केस जनवरी- 556 12 फरवरी तक- 204 सरकारी आंकड़े मेडिकल रिकॉर्ड के आधार पर दिए गये हैं.
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