मदरसा शिक्षक हत्याकांड का हुआ खुलासा,साथी ही निकला हत्यारा

शनिवार की रात्रि लगभग नौ बजे मेंपचरुखी थाने के मंद्रापाली गांव में हुई मदरसा शिक्षक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा ली. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने पाया कि मृत मदरसा शिक्षक दिलशाद का साथ अब्दुल रजा ने ही उधार में दिये गये पैसे वापस नहीं करने पर दिलशाद की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी. पुलिस ने खून से सने कपड़े,मोबाइल एवं हत्या में प्रयुक्त चाकू सहित अब्दुल बारी रजा को गिरफ्तार कर लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 3, 2025 9:21 PM

संवाददाता,सीवान. शनिवार की रात्रि लगभग नौ बजे मेंपचरुखी थाने के मंद्रापाली गांव में हुई मदरसा शिक्षक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे के अंदर सुलझा ली. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने पाया कि मृत मदरसा शिक्षक दिलशाद का साथ अब्दुल रजा ने ही उधार में दिये गये पैसे वापस नहीं करने पर दिलशाद की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी. पुलिस ने खून से सने कपड़े,मोबाइल एवं हत्या में प्रयुक्त चाकू सहित अब्दुल बारी रजा को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक अमितेश कुमार ने बताया कि एक फरवरी की रात्रि पचरूखी थाना क्षेत्र के मंद्रापाली में मदरसा शिक्षक व उसके साथी पर चाकू से हमला करने की सूचना प्राप्त हुई. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच किया गया तो ज्ञात हुआ कि हमले में एक मदरसा शिक्षक दिलशाद की मृत्यु हो गई है व घायल एक को इलाज हेतु सदर अस्पताल भेजा गया है.इस संबंध में जख्मी मौलाना अब्दुल बारी रजा के फर्दव्यान के आधार पर पुलिस द्वारा कांड संख्या 43/25 दर्ज कर नामजद अभियुक्त अशरफ मंसूरी एवं अन्य छह के विरूद्ध दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया. एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में अब्दुल बारी रजा से पुछताछ के क्रम में इनके द्वारा एक फरवरी को दरौंदा रेलवे स्टेशन से स्कॉर्पियो से दिलशाद व अशरफ मंसुरी के साथ मंद्रापाली जाने कि बात बतायी गयी. जबकि अनुसंधान के दौरान कांड के दिलशाद उर्फ असजद रजा एवं अब्दुल बारी रजा के द्वारा दरौंदा रेलवे स्टेशन से एक ऑटो रिक्शा में बैठ कर मंद्रपाली जाने कि बात सामने आयी. अब्दुल बारी रजा से पुनः सख्ती से पुछताछ कि गई तो उनके द्वारा दिलशाद उर्फ असजद रजा को चाकु मार कर हत्या करने कि बात स्वीकार की गयी. उसने आगे बताया गया कि दिलशाद उर्फ असजद रजा द्वारा 50,000 रुपए अब्दुल बारी रजा से उधार लिया गया था. उन रूपयों कि मांग करने पर दिलशाद उर्फ असजद रजा पैसे वापस देने में आनाकानी कर रहा था. जिसके बाद गुस्से में आकर अब्दुल बारी रजा द्वारा दिलशाद को जान से मारने कि नीयत से एक फरवरी को दरौंदा रेलवे स्टेशन से ऑटो से मंद्रापाली जाने के लिए साथ बैठाया गया.बाद में अब्दुल बारी रजा ने घटनास्थल से एक किलोमीटर पहले ही दिलशाद उर्फ असजद रजा को उतार लिया वआटो चालक को अब्दुल बारी रजा ने ऑनलाइन पेमेंट का भुगतान किया. ऑटो चालक के चले जाने के बाद घटनास्थल तक दोनों पैदल चल कर आये. तब मौके का फायदा उठाकर अब्दुल बारी रजा द्वारा चाकू से दिलशाद पर हमला किया गया और उसका गला रेत कर हत्या कर दी. एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में उक्त ऑटो चालक का नाम पता का सत्यापन कर ऑनलाइन माध्यम से पैसे लेने कि बात स्वीकार कि गयी तथा तकनीकी साक्ष्य संग्रहित करते हुए अब्दुल बारी रजा के निशानदेही के आधार पर घटनास्थल से हत्या में प्रयोग किया गया एक खुन लगा चाकु,मोबाइल एंव खुन लगा कपड़ा बरामद कर अब्दुल बारी रजा को गिरफ्तार किया गया. घायलावस्था में मृत दिलशाद ने रहम की मांगी थी भीख घायल होने के बाद दिलशाद अपने कातिल दोस्त अब्दुल बारी रजा की पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगा था.रहम की भीख मांगने लगा, बावजूद इसके हत्यारा दोस्त का दिल नहीं पसीजा, उसे पटक कर बेरहमी से उसके छाती पर चढ़कर गला रेत दिया. मृतक काफी मिलनसार प्रवृत्ति का था मृतक काफी मिलनसार प्रवृत्ति का था.अपने कुशल व्यवहार से लोगों में अच्छा पकड़ था. वह कम पैसे में ही मदरसा में पढ़ाया करता था. जिससे लोग दिलशाद को मदरसे में रखना पसंद करते थे. जबकि कातिल अब्दुल बारी राजा को लोग हटा दिया करते थे. इस बात को लेकर भी कातिल के मन में दिलशाद के प्रति नफरत थी.जिससे हमेशा द्वेष था.पिछले 10 सालों से इन दोनों की दोस्ती थी.वे रेपुरा स्थित मदरसे में दोनों 10 साल पहले साथ-साथ पढ़ा करते थे.

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