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महीने में बिजली पर 25 करोड़ खर्च करते हैं लोग

सीवान. जिले में पड़ रही भीषण गर्मी ने पिछले अप्रैल में हुए बिजली की खपत के रिकार्ड को तोड़ दिया है. पिछले वर्ष अप्रैल में पीक डिमांड जहां 140 मेगावाट थी, इस अप्रैल में 160 मेगावाट पहुंच गयी है,

मनीष गिरि, सीवान. जिले में पड़ रही भीषण गर्मी ने पिछले अप्रैल में हुए बिजली की खपत के रिकार्ड को तोड़ दिया है. पिछले वर्ष अप्रैल में पीक डिमांड जहां 140 मेगावाट थी, इस अप्रैल में 160 मेगावाट पहुंच गयी है, जबकि वर्ष 2021 के अप्रैल महीना में बिजली का पीक डिमांड 120 मेगावाट थी. सामान्य तौर पर 90 से 100 मेगावाट बिजली की प्रतिदिन खपत है, परंतु पीक डिमांड में 60 मेगावाट की अतिरिक्त जरूरत पड़ रही है. पीक आवर शाम को 6 से 12 बजे का समय माना जाता है. इधर बिजली की खपत बढ़ने से जिलावासियों को लोड शेडिंग (कटौती) का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि सीवान डिवीज़न के विद्युत कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार रमन ने इससे इनकार किया है. जिला में ग्रिड की संख्या तीन है, जिसमें सीवान, रघुनाथपुर व मलमलिया ग्रिड शामिल है. सीवान ग्रिड का पिक डिमांड जहां 90 मेटावाट तक पहुंच गया है, वहीं रघुनाथपुर का 40 व मलमलिया ग्रिड का पिक डिमांड 30 मेगावाट चला गया है. पछुवा हवा के कारण दिन में आठ घंटे कट रही बिजली इधर जिलावासियों को रात में लोड शेडिंग के साथ ही दिन में जबरदस्त बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बताया जाता है कि हवा की रफ्तार 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा होने के कारण फीडर लोड नही ले पा रहा है, जिसका मुख्य कारण हाई टेंशन की तारों में पेड़ो की डालियों का सटना बताया जाता है. इसमें सबसे अधिक परेशानी 11 केवी के तार से हो रही है. मार्च में 56 मिलियन यूनिट खर्च हुई थी बिजली प्रतिवर्ष उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ ही बिजली खपत में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. मार्च महीने की बात करें तो जिला में 56 मिलियन यूनिट बिजली खर्च हुई. इसमें सीवान डिविजन में 33 तथा महाराजगंज डिविजन में 23 मिलियन यूनिट शामिल है. राशि की बात करें तो औसतन प्रतिमाह 25 से 26 करोड़ रूपये जिलावासी बिजली पर खर्च कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र में 400 से अधिक ट्रांसफॉर्मर सीवान शहर की बात करें तो यहां 100 व 200 केवीए के कुल 400 से अधिक ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में लगाए गए सभी ट्रांसफॉर्मर अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य कर रहे हैं. बावजूद इसके कई मुहल्ले से उपभोक्ता लो वोल्टेज की शिकायत कर रहे हैं. बताते चलें कि शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की कुल संख्या तकरीबन 36000 के करीब है. वहीं शहरी क्षेत्र में केवल 20 से 22 मेगावाट बिजली की जरूरत इस गर्मी के मौसम में पढ़ रही है. ठंड के मौसम की बात करें तो यह खपत तकरीबन आधी 12 से 15 मेगावाट ही रह जाती है.

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