मरीजों को नि:शुल्क नहीं मिल रही है टीबी की दवा
जिले के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को यक्ष्मा विभाग द्वारा नि:शुल्क के टीबी की दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों के लिए कुछ साल पहले यक्ष्मा विभाग द्वारा जिले के 22 प्राइवेट दवा दुकानों पर मरीजों के लिए निःशुल्क दवा उपलब्ध कराना शुरू किया था. लेकिन लगभग पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित टीबी की दवा की आपूर्ति नहीं किए जाने से प्राइवेट दुकानों पर प्राइवेट में इलाज कराने वाले टीबी मरीजों के लिए दवा नहीं रखी जा रही है.
सीवान.जिले के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को यक्ष्मा विभाग द्वारा नि:शुल्क के टीबी की दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों के लिए कुछ साल पहले यक्ष्मा विभाग द्वारा जिले के 22 प्राइवेट दवा दुकानों पर मरीजों के लिए निःशुल्क दवा उपलब्ध कराना शुरू किया था. लेकिन लगभग पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित टीबी की दवा की आपूर्ति नहीं किए जाने से प्राइवेट दुकानों पर प्राइवेट में इलाज कराने वाले टीबी मरीजों के लिए दवा नहीं रखी जा रही है. अब प्राइवेट डॉक्टर टीबी मरीजों को महंगी टीबी के दवा पर्ची पर लिख रहें हैं. गरीब मरीज डॉक्टर द्वारा लिखे गए महंगी टीबी की दवा खरीद कर खाने को मजबूर है. प्राइवेट में इलाज करने वाले टीबी मरीज के सहायता के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टोटल रिलीफ यू एनजीओ हेल्थ पार्टनर को जिम्मेदारी सौंपी है. प्राइवेट में इलाज करने वाली टीबी मरीजों की समय से फॉलोअप जांच एवम निःशुल्क विभाग से टीबी की दवा मरीजों को उपलब्ध कराना जिम्मेदारी है. लेकिन दवा की अन उपलब्धता के मरीजों की निगरानी सही तरीके से नहीं हो पाती है. जनवरी से लेकर अबतक लगभग 3166 मरीजों ने खाई टीबी की दवा जनवरी से लेकर अब तक लगभग 3166 टीबी के मरीज ने टीबी की दवा खाई है. इसमें से 1586 सहकारी अस्पतालों तथा 1580 प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करने वाले टीबी के मरीज शामिल हैं. लगभग छह माह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित टीबी की दवा की आपूर्ति नहीं की जा रही है. तब से प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को नियमित सरकारी टीबी की दवा निः शुल्क नहीं मिल पा रही है.कुछ मरीजों को हेल्थ पार्टनर ट्राई के कार्यकर्ताओं द्वारा प्राइवेट में इलाज कराने वाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों से दवा उपलब्ध कराने में सहयोग किया जाता है.लेकिन अधिकांश प्राइवेट में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को निजी दवा दुकानों पर सरकारी दवा उपलब्ध नहीं होने से नहीं मिल पा रहा है.विभाग के अधिकारियों का कहना है की सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी के मरीजों को ही पर्याप्त मात्रा में विभाग द्वारा दवा की आपूर्ति नहीं की जा रही है.इसलिए प्राइवेट में इलाज कराने वाले टीबी मरीजों के लिए निजी दवा दुकानों पर दवा नहीं रखी जा रही है.हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने दवा की आपूर्ति नहीं होने पर यक्ष्मा विभाग को स्थानीय स्तर पर पर्याप्त मात्रा में दवा खरीद करने का आदेश दे दिया है.साथ ही दवा खरीद के लिए राशि भी उपलब्ध करा दिया है. क्या कहते हैं जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग द्वारा यक्ष्मा विभाग को लगभग छह महीने से नियमित रूप से दवा की आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण निजी दवा दुकानों पर प्राइवेट में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए दवा नहीं रखी जा रही है.मरीजों को सरकारी अस्पतालों से उपलब्धता के अनुसार दवा दी जा रही. नीरज गोस्वामी,जिला संयोजक,ट्राई,सीवान
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