सीवान. शनिवार को संपन्न सीवान और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की अपेक्षा मतदान के प्रतिशत में कमी देखी गयी. साथ में यह भी देखा गया कि मतदान केंद्रों पर मतदान की कतार में पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की कतारें लंबी थी. मतदान प्रतिशत में कमी का सबसे प्रमुख कारण, रोजगार की तलाश में मतदाताओं का पलायन बताया जा रहा है. प्रत्येक गांव के 20 से 50 आयु वर्ग के अधिकांश युवा मजदूर किसान रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेश में पलायन कर गये हैं. पलायन करने वालों में कुछ तो परिवार के साथ अन्य शहरों में रह रहें हैं तो कुछ का परिवार गांव में ही हैं, और वे अन्य प्रदेश में रहकर रोजगार कर रहे हैं. मतदाता सूची में तो सभी मतदाताओं का नाम दर्ज है, लेकिन वे रोजगार के सिलसिले में अन्य प्रदेश में रहने के कारण मतदान के दिन बूथों पर उपस्थित नहीं हो पाते हैं. जिससे मतदान का प्रतिशत लगातार गिरता जा रहा है. प्रत्येक गांव टोला में घर के पुरुष सदस्य रोजगार के सिलसिले में अन्य प्रदेश में पलायन कर गये हैं. घर पर महिला व परिवार के बुजुर्ग सदस्य ही मौजूद रहते हैं. इससे बूथों पर पुरुष मतदाताओं के अपेक्षा महिला मतदाताओं की भागीदारी ज्यादा दिखती है. उम्मीदवारों से मतदाताओं के लगाव नहीं होने से भी वोटरों को मतदान के प्रति रुचि नहीं रह गई है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा थोपे गये प्रत्याशी व जनता के साथ संघर्ष कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के उपेक्षा भी मतदान प्रतिशत में गिरावट का एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है. भीषण गर्मी व धूप की संभावना को देखते हुए भी प्रशासन द्वारा मतदान केंद्रों पर मतदाता के खड़ा रहने के लिये मतदान केंद्रों पर छाया समेत अन्य बुनियादी जरूरतों की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण संपन्न परिवार के मतदाताओं की उपस्थिति मतदान केन्द्रों पर बहुत ही कम दिखी. सुबह से सूर्य अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया था. मतदान के दौरान सूर्य प्रचंडता के कारण पारा 40 के पार रहा. उपर चल रही तेज हवा ने मतदाताओं को मतदान के प्रति उत्साह को ठंडा कर दिया.
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