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मेहंदार का कमलदह सरोवर हुआ वीरान

सिसवन. धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को अपने आप में समेटे प्रखंड के मेहंदार स्थित कमलदाह सरोवर आज वीरान पड़ा है. करीब एक दशक पहले इस कमलदाह सरोवर में साइबेरियन पक्षियों का बसेरा हुआ करता था. पक्षियों के कलरव को सुनने व देखने दूर-दूर से लोग परिवार के साथ आते थे. समय बदला और जिम्मेदार भी देखरेख के प्रति उदासीन हो गये.

प्रतिनिधि, सिसवन. धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को अपने आप में समेटे प्रखंड के मेहंदार स्थित कमलदाह सरोवर आज वीरान पड़ा है. करीब एक दशक पहले इस कमलदाह सरोवर में साइबेरियन पक्षियों का बसेरा हुआ करता था. पक्षियों के कलरव को सुनने व देखने दूर-दूर से लोग परिवार के साथ आते थे. समय बदला और जिम्मेदार भी देखरेख के प्रति उदासीन हो गये. आज से करीब एक दशक पहले पानी से लबालब रहने वाला सरोवर में पर्याप्त पानी नहीं है और सूखा पड़ा है. स्थानीय लोगों ने सरोवर के कायाकल्प के लिए आवाज उठायी थी तो प्रशासन से धन भी जारी हुआ था, लेकिन यह धनराशि क्या हुआ पता नहीं चल सका. स्थानीय लोग बताते है कि इस सरोवर की सफाई कराने के लिए 2019 में प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किया गया था, लेकिन यह पूरी तरह विफल साबित हुआ. जबकि सफाई के नाम पर करोड़ों से ज्यादा की राशि खर्च हुई थी. यह सरोवर करीब दो सौ बीघा में फैला हुआ है. इस सरोवर की दुर्दशा ऐसी है कि इसमें पर्याप्त पानी भी नहीं है, जबकि एक दशक पहले तक यह सरोवर पानी से लबालब रहता था. इसमें कमल का फूल भी खिलता था, साइबेरियन पक्षी भी आते थे. श्रद्धालु इसमें स्नान करने के बाद इस सरोवर से जल भरकर भोलेनाथ को जलाभिषेक भी करते थे. सरोवर में नाव भी चलती थीं, लेकिन अब ना ही पहले की तरह सफाई है और ना ही पहले की तरह पानी. करीब पांच साल पहले तक तो हालत यह था कि इसमें पानी सूख गया था और जलाभिषेक के लिए मशीन चला कर सरोवर के घाट के पास पानी का जमाव किया जाता था. इधर चर्चा है कि इसी कमलदाह सरोवर में 12 और 13 फरवरी को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा बनाए गए पक्षी विशेषज्ञों की टीम एशियन पक्षियों की गिनती करेंगी. इसके लिए इस सरोवर का भी चयन किया गया है. पक्षी विशेषज्ञों की टीम जल्द ही सरोवर पहुंचकर,इसमें पक्षियों की प्रजाति, आवक, प्रिय भोजन, प्रजनन व उनके निवासन की अवधि सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करेगी. दो बार आ चुके हैं मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां पर मंदिर में पूजन- अर्चना के लिए दो बार आ चुके हैं और करोड़ों की लागत से कई योजनाओं का शिलान्यास भी कर चुके हैं.एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें दो फरवरी 2013 को बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा सरोवर का सौंदर्यीकरण एवं मेहंदार की विकास कार्य के लिए 1264.90 लाख रुपये तथा 15 अक्टूबर 2010 को मेहंदार जलापूर्ति योजना के लिए 22.878 लाख रुपये शामिल हैं.स्थानीय लोगों बताते है कि यहां जो भी विकास कार्य हुए हैं, इसमें ज्यादातर शिवभक्तों द्वारा कराये गये हैं.

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