संवाददाता गुठनी. प्रखंड में मिड डे मील योजना में घोर लापरवाही बरती जा रही है. बनाने से लकेर परोसने तक में मानकों का पालन नहीं हो रहा है. गुठनी प्रखंड में कई स्कूलों में अभी तक किचेन शेड का निर्माण नहीं हुआ है गुठनी में 8 स्कूलों में नहीं है किचेन शेड गुठनी के आठ स्कूलों में किचेन शेड नहीं है. ऐसे में इन स्कूलों में मिड डे मील योजना रामभरोसे है. जिन स्कूलों में किचेन शेड नहीं है उनमें न्यू प्राथमिक विद्यालय तिरबलुआ, न्यू प्राथमिक विद्यालय खड़ौली, न्यू प्राथमिक विद्यालय सोहगरा पूर्वी टोला, न्यू प्राथमिक विद्यालय सोनहुला तिवारी टोला, प्राथमिक विद्यालय खरिका टोला आदि शामिल हैं. प्रखंड के 30 विद्यालयों के किचन शेड जर्जर हालत में प्रखंड के करीब 30 विद्यालयों का किचन शेड पूरी तरह जर्जर हालत में है. ग्रामीणों का कहना है कि खुले आसमान के नीचे भोजन बनाने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है. आज तक इस पर किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधि की नजर नहीं पड़ी हैं. बीइओ तारकेश्वर गुप्ता का कहना था कि विभाग के तरफ से अभी कोई भी राशि आवंटित नहीं किया गया हैं. जिससे इस तरह की दिक्कत हो रही हैं. इसके लिए लिस्ट तैयार कर वरीय अधिकारियों को भेजा जाएगा. खड़ौली गांव में विकास सिंह, रंजीत कुमार, हरेराम, राजेश पासवान, कैलाश, संतोष पासवान, सुरेश भगत, लव कुशवाहा, राजेन्द्र प्रसाद, मो.परवेज, महेश प्रसाद आदि दर्जनों ने बताया कि स्कूल में किचेन शेड नहीं बनने से खुले में ही खाना बना बच्चों को खिलाया जाता है. ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है. हमलोग बच्चों को लेकर काफी चिंतित हैं. लेकिन विभाग इसकी कोई सुध नहीं लेता.डीईओ राजेंद्र सिंह का कहना है की इसके लिए बीइओ से जानकारी मांगी गई हैं. जहां निर्माण नहीं हुआ है उस पर त्वरित काम करने का निर्देश दिया गया हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है