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मॉनसून ने दी दस्तक, हुई झमाझम बारिश

उमस भरी भीषण गर्मी से जूझ रहे जिलावासियों को राहत मिली है. बुधवार की देर रात झमाझम बारिश हुई. जिसके चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई.

सीवान. उमस भरी भीषण गर्मी से जूझ रहे जिलावासियों को राहत मिली है. बुधवार की देर रात झमाझम बारिश हुई. जिसके चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. करीब एक माह से जिला का तापमान 40- 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था. बुधवार की रात में कई घंटे तक हुई बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान वापस ला दी है. जिससे किसानों के साथ-साथ आम आदमी को भी गर्मी से बड़ी राहत मिली है. गुरुवार को अधिकतम तापमान 36 व न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. तापमान में आई भारी गिरावट से लोग राहत महसूस कर रहे हैं. अप्रैल से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया था. सूरज भी आग बरसा रहा था और लोगों का घरों से बाहर निकलना काफी मुश्किल हो गया था. लोगों का कहना है कि पिछले तीन महीने से भीषण गर्मी के चलते जीना मुहाल हो गया था. इधर बारिश व आकाश में बादल देखकर किसानों के चेहरे खिल गये हैं. किसान कृषि कार्यों में जुट गये हैं. किसानों के मुरझाए चेहरों पर लौटी रौनक खरीफ फसल की खेती के लिए भी बारिश की बहुत जरूरत थी. देर से ही सही लेकिन बारिश होने से किसानों की खुशी बढ़ गई है. समय से बारिश की उम्मीद में किसानों ने धान के बिचड़े लगा दिए थे. लेकिन उन धान के बिचड़ों को जिंदा रखने के लिए किसानों को 300 से 400 रुपए प्रति घंटा की दर से खेतों का पटवन करना पड़ रहा था. धान की फसल किसानों के लिए महंगी साबित हो रही थी. अब बारिश से खेतों में नमी लौट आई है और धान के किसानों के द्वारा लगाए धान के बिचड़ों के भी बचने की उम्मीद बढ़ गई है. धान का बिचड़ा गिराने में जुटे किसान झमाझम बारिश तथा सुहावना मौसम को देखकर किसान धान का बिचड़ा गिराने में लग गए है.कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक लक्ष्य के 30-40 फीसदी ही धान का बिचड़ा गिराया गया है.शुक्रवार के दिन से बिचड़ा गिराने में तेजी आई है. आकाश में उमड़ते बादलों को देख किसानों के मुरझाए चेहरे पर अचानक रौनक लौट आई है. मौसम के मिजाज को भांप किसान धान का नर्सरी की तैयारियों में जुट गये है. उन्हें भरोसा है कि मानसून के सक्रिय होने के बाद आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी. वहीं कृषि विभाग का मानना है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह के साथ अगस्त माह में और बेहतर बारिश होगी. इससे धान की रोपनी के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लिया जाएगा. आद्रा नक्षत्र में भी नर्सरी लगाने से धान की अच्छी पैदावार बुधवार की रात हुई बारिश से अच्छी उपज को लेकर किसानों में खुशी का माहौल है.किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए है.जो किसान रोहिणी व मृगशिरा नक्षत्र में धान का बिचड़ा लगाए है. उस बिचड़ा के लिए यह बारिश संजीवनी का काम किया. धान के सूख रहे बिचड़े में बारिश होने से काफी लाभ मिला. वही सब्जी की खेती के लिए भी यह फायदेमंद साबित होगी. वही बारिश के चलते न्यूनतम व अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.तापमान के गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. खरीफ फसल के लिए खेतों में धान की नर्सरी रोहिणी नक्षत्र में नर्सरी तैयार की गई थी. जो अधिक धूप होने से सुख रही थी. पौधों का ऊपर वाला हिस्सा पीला पड़ रहा था. कृषि के जानकारों का कहना है कि खरीफ फसल के लिए अभी खेतों में डाले जा रहे धान के बीज के लिए भी यह बारिश का पानी लाभदायक सिद्ध हुई है.शनिवार से आद्रा नक्षत्र का शुरुआत होगा. इस नक्षत्र में भी धान की नर्सरी लगाने से बढ़िया उत्पादन होता है. कई जगहों पर लगा पानी- बारिश होने से शहर से लगायत ग्रामीण क्षेत्र के कुछ हिस्से में जल जमाव हो गया. हालांकि इसका असर कुछ देर तक नहीं रहा. परंतु लोगों को कुछ परेशानियाें का सामना करना पड़ा. शहर के सदर अस्पताल सहित शांति वट वृक्ष व अन्य स्थानों पर जमाव देखा गया.

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