नहर का बांध टूटने से खेतों में भरा पानी
प्रखंड के बभनौली पंचायत के नवादा गांव में शुक्रवार की देर रात अचानक मुख्य गंडक नहर का बांध टूटने से दो दर्जन से अधिक किसानों के लगभग पांच बीघा खेतों में पानी भर गया. पानी भरने से लगभग एक बीघा खेतों में लगे धान का बिचड़ा बर्बाद हो गया.
मैरवा:स्थानीय प्रखंड के बभनौली पंचायत के नवादा गांव में शुक्रवार की देर रात अचानक मुख्य गंडक नहर का बांध टूटने से दो दर्जन से अधिक किसानों के लगभग पांच बीघा खेतों में पानी भर गया. पानी भरने से लगभग एक बीघा खेतों में लगे धान का बिचड़ा बर्बाद हो गया.शनिवार की सुबह जब किसानों ने अचानक खेतों में पानी भरते हुए देखा तो नहर के समीप गये और देखा कि नहर का 8 फुट बांध पानी के तेज बहाव से ध्वस्त हो गया था. खेतों में लगे धान का बिचड़ा का फसल बर्बाद होने से किसान काफी आक्रोशित हो गये. सूचना पर पहुंचे गंडक विभाग के जेइ और एसडीओ सहित कई अधिकारी आनन फानन में बांध बंधवाने में जुट गये. इधर किसान अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि नहर में पानी आने के तीन दिन पूर्व ही गंडक विभाग के कार्यालय में जाकर नहर के बांध की जांच करने की सूचना दिया गया था.इसके बावजूद विभाग के लापरवाही के कारण घटना घटित हुई है.किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि दो साल पूर्व में ही नहर के बांध का निर्माण कराया कराया गया था.इसके बावजूद नहर का बांध टूट गया.उन्होंने नहर की ढलाई में धांधली करने की आशंका जाहिर किया है. स्थानीय समाजसेवी धर्मेंद्र यादव ने प्रशासन से मांग किया कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए नहरों का नियमित देखरेख सुनिश्चित करे. इसके साथ ही किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाये. नहर की बांध टूटने की सूचना पर सीओ राहुल कुमार, प्रमुख वीरेंद्र भगत, एसडीएम सहित आला अधिकारी पहुंच कर जाजया लिया. इस संबंध में गंडक विभाग के जेइ मदन मोहन ने कहा कि नहर में आउतलेट के लिए छोड़ी गयी जगह पर चूहे ने होल कर दिया था. जिससे पानी का रिसाव होने से बांध टूट गया. उन्होंने बताया कि टूटे बांध को बांध दिया गया है. इस पर निगरानी कर्मी रखे हुए है. फसल बर्बाद होने वाले किसानों में संजय पटेल, उपेन्द्र पटेल, अशोक पांडेय, जितेंद पटेल, सुनील मांझी, अनिल मांझी, कपिलदेव पटेल, दिलीप पांडेय, संतोष पांडेय, गणेश पांडेय, धीरेंद्र पांडेय, सरोज राजभर, ओमप्रकाश राजभर, सुनरिका राजभर ,श्रीप्रकाश राजभर शामिल है. बांध टूटने से किसानों में छायी मायूसी यह घटना किसानों के लिए एक बड़ा झटका है. जो पहले से ही मौसम और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे है. नहर का बांध टूटने से न केवल उनकी फसले बर्बाद हुई है.धान का बिचड़ा डूबने पर किसानों में मायूसी छायी हुई है.
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