सीवान: जिले में धान खरीद में गड़बड़ झाला सामने आने लगा है.प्रशासनिक कोशिश के बाद भी क्रय केंद्रों द्वारा सीएमआर(चावल) जमा नहीं हो सका. 2666 एमटी सीएमआर नहीं मिलने से विभाग तनाव में है. मंगलवार को संयुक्त निबंधक के जारी पत्र के बाद प्रखंडों के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. जल्द ही इनके खिलाफ प्रपत्र क गठित करने की कार्रवाई शुरू होगी. जानकारी के अनुसार जिले के 107 समितियों के पास करीब 2666 एमटी चावल फंसा हुआ है. चावल आपूर्ति को लेकर 20 अगस्त तक का डेडलाइन जारी कर दिया गया है. पहले यह 31 जुलाई तक ही तय था. धान की मिलिंग नहीं कराने वाले समितियों का अब गोदाम का भौतिक सत्यापन होगा और वहां किसानों से खरीद किये गये धान की मात्रा के संबंध में जानकारी प्रशासन प्राप्त करेंगी. अगर धान गोदाम में नहीं मिलता है तो प्राथमिकी दर्ज भी करायी जायेगी. बताया जाता है कि किसानों से धान खरीदने के लिये सभी क्रय केंद्रों को को-ऑपरेटिव बैंक ने सीसी की राशि उपलब्ध करायी थी. चावल नहीं जमा होने पर बैंक का भी पैसा फंस सकता है. बैंक भी अपने स्तर से कार्रवाई करने की मन बना रहा है. सबसे अधिक 9 प्रखंडों में फंसा हुआ है सीएमआर चावल जमा करने में हो रहे विलंब को देखते हुए संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां सारण प्रमंडल मसरूक आलम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि पांच अगस्त को विभागीय वीसी में दिये गये निर्देश का शत प्रतिशत पालन करना होगा. समीक्षा में पाया गया है कि नौ प्रखंडों में सीएमआर कुल 77 लॉट शेष है जो खेदजनक है. जिसमें गोरेयाकोठी 6.84 लॉट, दरौली 9.90 लॉट, भगवानपुरहाट 13.91 लॉट, आंदर 7.29 लॉट, जीरादेई 7.33 लॉट, गुठनी 7.22 लॉट,हसनपुरा 9.24 लॉट और दरौंदा 16.37 लॉट चावल जमा करना शेष रह गया है. उन्होंने डीसीओ को निर्देश दिया कि 20 अगस्त तक चावल आपूर्ति नहीं होने पर पैक्स पदधारक, कार्यकारिणी समिति पर प्राथमिकी, राशि वसूली हेतु निलाम पत्र वाद, अधिभार वाद तथा बिहार राज्य सहकारी बैंक के पत्र के आलोक में निर्वाचन नहीं लड़ने से संबंधी प्रस्ताव भेजेंगे. जिन प्रखंडों में सीएमआर आपूर्ति उक्त तिथि तक लंबित पायी गयी तो उन प्रखंडों के बीसीओ के विरुद्ध प्रपत्र क गठन संबंधी प्रस्ताव कार्यालय को भेजेगे. दरौंदा प्रखंड में बकाया है सर्वाधिक 474.85 एमटी बताते चले कि किसानों से धान खरीदने के बाद उसका मिलिंग कराने में सबसे पीछे दरौंदा प्रखंड है. वहां सबसे अधिक 474.85 एमटी चावल बकाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों से धान तो खरीद हुआ. अंतिम समय में फरवरी माह में कुछ समितियों ने अपने करीबियों और चहेते किसानों के नाम पर कागज में ही धान खरीद लिया. जिसके बाद से ही चावल जमा करने में समस्या उत्पन्न हो गयी है. उसे बीसीओ भी सत्यापित भी कर दिया है कि किसानों से धान खरीद की गयी है लेकिन समितियों के गोदाम से धान गायब है. जिसको लेकर जांच की अब बात चलने लगी है. अगर गोदाम की जांच हुई तो सब कुछ सामने आ जायेगा.
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