बिहार के इस जिले में अब ऐप के जरिये प्रवासियों को मिलेगा रोजगार
बेतिया : वैश्विक महामारी कोरोना संकट काल में लॉकडाउन में बेरोजगार होकर घर लौटे असंगठित क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने की कवायद जिला प्रशासन ने तेज कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से एक विशेष ऐप का निर्माण कराया जा रहा है.
बेतिया : वैश्विक महामारी कोरोना संकट काल में लॉकडाउन में बेरोजगार होकर घर लौटे असंगठित क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने की कवायद जिला प्रशासन ने तेज कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से एक विशेष ऐप का निर्माण कराया जा रहा है. असंगठित क्षेत्र के प्रवासी श्रमिकों को इस ऐप से जोड़ा जा रहा है. इस ऐप में कोई भी बेरोजगार अपना पंजीकरण खुद भी करा सकेगा. यह ऐप जल्द ही जनता के सामने आएगा.
तैयार किया गया है डेटा बैंक
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि विभिन्न ट्रेडों में काम करनेवाले कुशल क्षेत्र के मजदूरों को उद्यमी बनाने की योजना अलग से चल रही है. इसके लिए कलस्टर बनाकर उन प्रवासी श्रमिकों को उद्यमी बनाने का काम किया जा रहा है और इस जिले को भी उद्योग का हब बनाने की योजना को कार्यरुप देने का काम किया जा रहा है. लेकिन दूसरी ओर वैसे मजदूर जो असंगठित क्षेत्र के है, लेकिन हुनरमंद है, वे राजमिस्त्री, बढ़ई, पोलंबर, एसी मरम्मती, कुलर मरम्मती, इलेक्ट्रिक या इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक का काम करते थे. लेकिन लॉकडाउन में अपने घर आकर बेरोजगार हो गये हैं, उनके लिए एक ऐप बनाया जा रहा है.
कंपनियों को भी जोड़ा जा रहा है
इस ऐप से रोजगार देने के लिए सेवा प्रदाता कंपनियों व फैक्ट्रियों के संचालकों को भी जोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि कोरोना के खौफ को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में हजारों लोग बेरोजगार हो गए और अपना शहर छोड़कर वापस घर लौट गए. जिला प्रशासन ऐसे लोगों को काम उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है. इसके लिए ऐप का निर्माण किया जा रहा है. इसमें बेरोजगार हुए विभिन्न ट्रेडों के श्रमिकों को पंजीकृत किया जा रहा है.
15 हजार लोगों का डाटा हो चुका है तैयार
इस ऐप में अभी तक करीब 15 हजार लोगों का डाटा तैयार किया जा चुका है. इन सभी को विभिन्न स्रोतों के माध्यम से तैयार किए गए डाटा के अनुसार जोड़ा गया है. इसके अलावा इस ऐप में उद्यमियों के साथ ही सेवा प्रदाता कंपनियों को भी जोड़ा जायेगा. ताकि किसी भी ट्रेड के लिए वह इस ऐप के जरिए अपनी पंसद के मजदूर व कर्मचारी को ले सकें. इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. इस ऐप को शीघ्र ही लांच करने की तैयारी चल रही है. यदि यह ऐप अपने मकसद में कामयाब हो गया तो प्रवासी मजदूरों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर होगी.
ऐप से खुद भी जुड़ सकेंगे बेरोजगार
जिला प्रशासन की ओर से बनाये जा रहे ऐप में कोई भी बेरोजगार जुड़कर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकता है. डीएम ने बताया कि इस बेरोजगारों को दो श्रेणियों में बांटा गया है. पहला कुशल मजदूर दूसरा अकुशल. दोनों ही श्रेणियों के बेरोजगारों को रोजगार देने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा कोई भी बेरोजगार अपनी योग्यता का विवरण इस ऐप के जरिए डालकर खुद को पंजीकृत कर सकता है. जरूरत पड़ने पर सेवा प्रदाता कंपनियां या आम आदमी भी खुद ही तकनीशियनों का चयन कर रोजगार देंगी. अब जिलेवासियों को भी अपने इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिक अथवा घर बनवाने के लिए राजमिस्त्री की खोज में कहीं नहीं जाना पड़ेगा.
posted by ashish jha