सीवान. मौसम की मार के आगे सरकारी स्वास्थ्य इंतजाम नाकाफी साबित हो रही है.सदर अस्पताल में मरीजों की औसत से अधिक बढ़ी संख्या के चलते जहां इलाज के लिये लोगों को घंटो कतार में जुझना पड़ रहा है, वहीं चिकित्सकीय सलाह के अलावा कुछ प्रमुख दवा बाजार से खरीदनी पड़ रही है. डायरिया एवं बुखार की शिकायत बच्चों में हो रही है अधिक सदर अस्पताल के ओपीडी में इन दिनों लगभग प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चों का इलाज किया जा रहा है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कालिका कुमार सिंह ने बताया कि सबसे अधिक डायरिया एवं बुखार की शिकायत छोटे बच्चों में अधिक मिल रही है. उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ छोटे बच्चों में जौंडिस बीमारी भी मिल रही है. मौसम में बच्चों में भी पानी की कमी, हीटस्ट्रोक, डायरिया जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं.ऐसे में छोटे बच्चों की अच्छी तरह देखभाल करना करना चाहिए. प्रत्येक दिन 650 से अधिक आ रहे मरीज अप्रैल म में भीषण गर्मी के बीच पारा 37 के ऊपर पहुंचने के साथ-साथ सदर अस्पताल में भी मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. सामान्य दिनों में जेनरल ओपीडी में मरीजों की संख्या 400 के आस पास रहती थी. अब यह संख्या 650 से अधिक हो गई है. सदर अस्पताल में गर्मी एवं लू से बीमार मरीजों के इलाज लिए आवश्यक दवाएं एवं स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हैं. आदेश के बाद भी नहीं बना आइसोलेशन वार्ड अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के आदेश के बावजूद अभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंदों,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडलीय एवं सदर अस्पताल में गर्मी एवं लू से बीमार व्यक्तियों के लिए आइसोलेशन वार्ड नहीं बनाया गया है. जिसके चलते गर्मी और बढ़न पर इलाज को लेकर मरीजों को और परेशानी उठानी पड़ेगी. प्रत्यय अमृत ने राज्य में गर्मी एवं लू को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट करते हुए कई निर्देश दिए हैं. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पतालों,अनुमंडलीय अस्पतालों एवं सदर अस्पतालों में लू से प्रभावितों के इलाज हेतु विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आईभी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा इत्यादि की व्यवस्था कर ली जानी चाहिए.अत्यधिक गर्मी से पीड़ित व्यक्तियों के ईलाज हेतु आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आईसोलेसन वार्ड की व्यवस्था कर ली जानी चाहिए एवं लू से पीड़ित बच्चों, बूढों गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. आवश्यकतानुसार प्रभावित जगहों हेतु स्टैटिक एवं चलन्त चिकित्सा दल की भी व्यवस्था कर ली जाए.
गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी
सीवान. मौसम की मार के आगे सरकारी स्वास्थ्य इंतजाम नाकाफी साबित हो रही है.सदर अस्पताल में मरीजों की औसत से अधिक बढ़ी संख्या के चलते जहां इलाज के लिये लोगों को घंटो कतार में जुझना पड़ रहा है,
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