हिट एंड रन में अब तक 77 को ही मुआवजा, शेष लगा रहे कार्यालय का चक्कर
सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बावजूद सड़क दुर्घटना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. रफ्तार की कहर से जिले में प्रतिदिन लोगों की जान जा रही है
संवाददाता, सीवान सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बावजूद सड़क दुर्घटना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. रफ्तार की कहर से जिले में प्रतिदिन लोगों की जान जा रही है. मुआवजे के प्रावधान के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण आश्रितों को मुआवजा नहीं मिल पाता है. आंकड़ों पर गौर करें तो हिट एंड रन में कई लोगों की मौत हो गई है. परिवहन विभाग को 120 आश्रितों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है, लेकिन जिन वाहनों से ये दुर्घटनाएं हुईं, वे पकड़े नहीं जा सके. इस आंकड़े में वे आंकड़े शामिल नहीं हैं, जिसमें घटना/दुर्घटना के बाद संबंधित वाहनों को पकड़ लिया गया है. जिला परिवहन कार्यालय में हिट एंड रन के घटना में तकरीबन 120 आवेदन जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं. जिसमें जिला परिवहन कार्यालय द्वारा आवेदन के साथ लगे सभी प्रमाण-पत्रों की जांच एवं घटनाओं का सत्यापन किया गया. इसके बाद मृतकों के आश्रित को सरकार की तरफ से मिलने वाले मुआवजा की राशि के भुगतान के लिए 114 आवेदनों को जनरल इंश्योरेंस कंपनी मुंबई को भेजा गया, जिसमें 77 आश्रितों को मुआवजा राशि भी मिल गई. शेष आवेदन की सत्यता की जांच कर अनुमोदित होने के बाद मृतक के आश्रित को मिलने वाली सरकार के तरफ से राशि के भुगतान के लिए जनरल इंश्योरेंस कंपनी, मुंबई को भेज दिया जाएगा. आवेदन करते समय आवेदन के साथ मृतक और मृतक के आश्रित का आधार कार्ड, मृतक का मृत्यु प्रमाण-पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआइआर, फर्द बयान के साथ, मृतक के आश्रित का बैंक खता, फोटो, आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, आवासीय प्रमाण-पत्र और आवश्यकता पड़ने पर वंशावली प्रमाण-पत्र भी देना अनिवार्य है. आवेदन के बाद जिन आश्रितों को अब तक मुआवजा नहीं मिल सका है, वे लोग प्रतिदिन विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं, जिन आवेदनों की सत्यता की जांच अब तक नहीं हुई वे अपने आवेदनों को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं. ऐसे मिलता है योजना का लाभ प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी रवि रंजन ने बताया कि सड़क हादसे में हिट एंड रन एवं नाॅन हिट एंड रन के मामले को लेकर मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है. इसके लिए अलग-अलग राशि भी निर्धारित की गई है. हिट एंड रन के मामले में मृतक के आश्रितों को दो लाख रुपये व गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति में 50 हजार रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है. वहीं, नाॅन हिट एंड रन में मुआवजे को लेकर परिवहन विभाग के द्वारा प्रमंडल स्तरीय दावा प्राधिकरण का गठन किया गया है, जहां सड़क हादसे के दौरान मृतकों के परिजनों को ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान है और प्राप्त आवेदन के पर दावा प्राधिकरण के द्वारा आवश्यक कार्रवाई के बाद मुआवजा का भुगतान किया जाता है.
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