पछुआ हवा के चलते सुबह-शाम में ठंड

मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. दिन में अच्छी धूप खिल रही है. जिसके चलते लोगों को ठंड से राहत मिली है. वहीं पछुआ हवा के चलते सुबह शाम ठंड सता रही है. शनिवार को पछुआ हवा के प्रभाव से लोग परेशान दिखे. इस दौरान 12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने सर्दी का अहसास कराया. अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2024 9:42 PM

संवाददाता सीवान. मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. दिन में अच्छी धूप खिल रही है. जिसके चलते लोगों को ठंड से राहत मिली है. वहीं पछुआ हवा के चलते सुबह शाम ठंड सता रही है. शनिवार को पछुआ हवा के प्रभाव से लोग परेशान दिखे. इस दौरान 12 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चली पछुआ हवा ने सर्दी का अहसास कराया. अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 08 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वायुमंडल में उच्च दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण हवा की गति में वृद्धि आई. इसके प्रभाव से लोगों को ठंड अहसास हुआ है. अगले तीन दिनों तक हवा की गति में कमी नहीं आएगी. पछुआ हवा के चलते तापमान सात से आठ डिग्री सेल्सियस तक जाने की उम्मीद है. गर्म कपड़ों की बढ़ी डिमांड ठंड के दस्तक देते ही लोग गर्म कपड़े निकालने लगे. दुकानों में गर्म कपड़े की सेल लग गई है. लोगों को कोर्ट, ब्लेजर, जैकेट कंबल तथा गर्म कपड़े खरीदते देखा जा रहा है.लोगों ने कहा कि इस बार बारिश की तरह ठंड भी अधिक पड़ेगी. इस कारण ठंड से निपटने के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी. महंगाई के कारण गर्म कपड़ों के दाम में भी पिछले वर्ष के मुकाबले पांच से दस फीसदी की वृद्धि हुई है.फिर भी लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े खरीदने के लिए घरों से निकलने लगे हैं.कपड़ा व्यवसायी विनोद प्रसाद ने बताया कि युवाओं में ब्रांडेड गर्म कपड़े का क्रेज दिख रहा है. ठंड में 70 फीसदी तक बढ़ जाती है एलर्जी दिन व रात के तापमान में लगातार गिरावट के चलते बीमारियां भी बढ़ रही हैं. जरा सी लापरवाही पर ही बीमारियां लोगों को घेरना शुरू कर देती हैं. सरकारी व निजी अस्पतालों में भी सर्दी, जुकाम और बुखार के रोजाना अधिक मरीज आ रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार बदलता मौसम दमा, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोगियों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. ऐसे में हमें बीमारियों से बचने के लिए अपनी सेहत के प्रति सचेत रहना होगा. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.सर्दी का मौसम शुरू होते ही करीब 70 फीसदी एलर्जी के मामले बढ़ जाते हैं. लोगों को प्रदूषण या खाने पीने किसी खास तरह की महक से एलर्जी होती है. सर्दी के मौसम में तापमान में गिरावट होने के कारण हवा में एलर्जी के तत्व जल्दी नहीं हटते जिससे सर्दी खांसी नाक बहना स्किन एलर्जी अस्थमा और कई तरह की एलर्जी की बीमारियां बढ़ जाती है.

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