पंचायतों में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू

सदर प्रखंड के पंचायत भवन भंटापोखर में शुक्रवार से जमीन सर्वे के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. इस दौरान मझवलिया, चकरा, देवापाली, भंटापोखर, गोपलापुर व अखैनियां के सैकड़ों रैयतों व जमीन मालिकों को अलग-अलग तरह के कागजात नहीं होने से उत्पन्न समस्याओं का त्वरित समाधान कर वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में बताया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 6, 2024 9:32 PM

सीवान. सदर प्रखंड के पंचायत भवन भंटापोखर में शुक्रवार से जमीन सर्वे के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. इस दौरान मझवलिया, चकरा, देवापाली, भंटापोखर, गोपलापुर व अखैनियां के सैकड़ों रैयतों व जमीन मालिकों को अलग-अलग तरह के कागजात नहीं होने से उत्पन्न समस्याओं का त्वरित समाधान कर वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में बताया गया. मौके पर अमीन अमित कुमार ने रैयतों व भूमि धारकों से विभागीय आदेश की आलोक में 15 सितंबर तक आवेदन जमा करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि ऑफलाइन के साथ- साथ ऑनलाइन भी लोग आवेदन दे सकेंगे. रैयतों को देने हैं ये कागजात अमीन अमित कुमार ने बताया कि रैयतों व भूमि धारकों को स्व- घोषणा ( प्रपत्र-2) के साथ जमीन के कागजात देने पड़ेगे. अगर जमीन उनकी खतियानी है तो वंशावली प्रपत्र-3 (1), आपसी बंटवारा के कागजात, खतियान की नकल (यदि उपलब्ध हो तो), सक्षम न्यायालय का आदेश (यदि हो), आधार कार्ड की छायाप्रति, जमाबंदी व मालगुजारी रशीद (यदि हो) आदि देने होंगे. इसी तरह जमीन खरीदगी हो तो भू- धारी को केवाला एवं अद्यतन लगान रसीद देने होंगे. केवाला के साथ वैध कागजात नहीं देने की स्थिति में किसी भी रैयत के नाम से जमीन का खाता नहीं खोले जाने की बातें कही गई है. वहीं स्पेशल सर्वे अमीन उपलक्ष्य श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी जमीन अब भी हर हाल में सरकार की रहेगी. सरकारी जमीन का खाता किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं खोला जाएगा. विभागीय निर्देश का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा. पट्टा पर दिए गए जमीन पर बसे व्यक्ति और परिवारों का स्वामित्व रहेगा, लेकिन उस जमीन की बिक्री नहीं कर पाएंगे. वैध कागजात से मिलेगा मालिकाना हक मौके पर कर्मचारी संदीप कुमार ने बताया कि जमीनों के सर्वे लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार आपकी जमीन को छीन नहीं रही बल्कि इसके जरिये आपको अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल पाएगा. यदि किसी जमीन की दो बार रजिस्ट्री हुई है तो वंशावली में जायज हिस्सेदार के द्वारा हिस्सा के अनुसार फर्स्ट रजिस्ट्री ही वैध मानी जाएगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version