संवाददाता,सीवान.ग्रामीण स्वास्थ्य इंतजाम में सुधार के लिये प्रत्येक वर्ष करोड़ों के बजट खर्च होने के बाद भी मरीजों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है.हाल यह है कि कहीं मरीजों के ड्रेसिंग परिचारक करने को मजबूर हैं,तो कहीं महिला चिकित्सक की तैनाती न होने से एएनएम के भरोसे ही प्रसव कार्य किया जा रहा है.मरीजों को हर दिन परेशानी निराश होना पड़ रहा है. रविवार को प्रभात खबर की टीम ने ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी सेवा की पड़ताल की.इस दौरान यह बात सामने आयी की लगातार स्वास्थ्य सेवा में सुधार हुए है.इसके बावजूद आम तौर पर चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी सर्वाधिक दिखी.जिसका नतीजा है कि मरीजों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. रेफरल अस्पताल मैरवा जिले के एक बड़े आबादी के स्वास्थ्य इंतजाम के लिहाज से मैरवा में रेफरल अस्पताल की स्थापना की गयी.इसके बाद भी यहां मरीजों को इसका संतोषजनक लाभ नहीं मिल पा रहा है.अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर प्रभात खबर की टीम इमरजेंसी सेवा के पडताल के लिए पहुंची, तो पता चला कि ड्रेसर के नही रहने से गंभीर हाल में आने वाले मरीजों को बैंडेज पट्टी करने में काफी परेशानी हो रही है.ड्रेसर के जगह पर परिचारी और एएनम यह कार्य करते दिखी.वहीं मौके पर चिकित्सक डॉ उपेन्द्र कुमार मौजूद थे.एएनम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थी.इमरजेंसी सेवा देखने के लिए डिप्टी पर तैनात चिकित्सक ने बताया कि कोई गंभीर मरीज नही आया था.हालांकि गंभीर हाल में आने वाले मरीजो को उपचार किया जाता है. आपको बता दें कि मैरवा रेफरल अस्पताल में चार प्रखंड सहित यूपी से सटे कई गांव के गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं अस्पताल में चिकित्सक सहित स्वास्थ्यकर्मी की बहुत कमी है.जिससे मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी होती है. इस संबंध प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि प्रकाश सिंह ने बताया कि अस्पताल में ड्रेसर का पद रिक्त है.इसकी सूचना विभाग में दे दी गयी है. इमरजेंसी सेवा के लिए एएनम और जीएनएम से काम लिया जाता है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुरा हसनपुरा प्रखंड के गुरुजवा जलालपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुरा का रविवार को दोपहर12 बजे प्रभात खबर ने इमरजेंसी सेवाओं का पड़ताल किया. अस्पताल परिसर में चंद मरीज ही उपस्थित थे.दवा वितरण केंद्र में ताला लटका था. आयुष चिकित्सक डॉ संतोष कुमार सिंह ने सड़क दुघर्टना में घायल एक वृद्धा की इलाज कर रहे थे. एक एएनएम गिरजा देवी एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी सहित दो गार्ड उपस्थित थे.इस दौरान डॉ श्री सिंह ने बताया कि रविवार को तीन प्रसव सहित अन्य आधा दर्जन मरीजों का इमरजेंसी में इलाज किया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभय कुमार एमबीबीएस को छोड़कर तीन प्रतिनियुक्त आयुष,एक यूनानी व एक डेंटल चिकित्सक के भरोसे सीएचसी संचालित होता है. महिला चिकित्सक नहीं होने से एएनएम के सहयोग से प्रसव कराया जाता है. जिससे परेशानी होती है. वहीं मरीजों को एक्स-रे मशीन का लाभ नहीं मिलता है. इस दौरान चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अभय कुमार ने बताया कि एमबीबीएस व महिला चिकित्सक की कमी है.वहीं पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिलने के कारण एक्स-रे मशीन सेवा बाधित है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बड़हरिया बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी सेवाएं पूर्ण रूप से चल रही थीं. हालांकि रविवार होने के कारण ओपीडी नहीं चल रहा था. साढ़े बारह से डेढ़ बजे तक छह मरीजों का इलाज किया गया,जिसमें सर्पदंश,डॉग बाइट,चोट ,पेट दर्द आदि के मरीजों ने इलाज कराया. ऐसे तो ड्यूटी पर तैनात डॉ शाहीना खातून डेढ़ बजे तक करीब एक दर्जन मरीजों का इलाज कर चुकी थीं. उन्होंने बताया कि करीब 10 बजे थाना क्षेत्र के सदरपुर के पंतोख मांझी की 16 वर्षीया पुत्री ईशु कुमारी इलाज के लिए पहुंची, उसके चेहरे पर किसी ने हसिया से वार कर घायल कर दिया था. वहीं उसके बाद खुजली से पीड़ित जहांगीर आलम(52) व साइकिल से घायल दिनेश साह (45) का इलाज किया गया.वहीं डॉग बाइट के शिकार राजा कुमार(5) को रेबिज की सूई दी गयी. जबकि गर्भवती रबिता देवी(28) पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची तो मो याकूब को गिरने से पैर में चोट लग गयी थी. वहीं पूजा कुमारी को पता नहीं था कि रविवार को ओपीडी बंद रहता है,वह ब्लड टेस्ट व अन्य चेकअप कराने पहुंच गयी. उसे दवा देकर सोमवार को आने के लिए कहा गया.बड़हरिया के आरती कुमारी(24) की अंगुली में सूई घुसकर टूट गयी थी,जिसे ऑपरेट कर निकाला गया. इधर प्रखंड के आलमपुर के भोज यादव की पुत्री काजल कुमारी(17) सर्पदंश की शिकायत लेकर पहुंची. जिसे दवा देकर भर्ती कर लिया गया. डॉ शाहीना खातून के अनुसार उसकी अंगुली पर स्नेक बाइट का निशान नहीं था.
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