सीवान. जिले में मानक पूरा नहीं करने वाले और बिना पर्यावरणीय अनापत्ति व कंसेंट टू ऑपरेट यानी सीटीओ के संचालित होने वाले ईंट भट्ठों पर कार्रवाई की विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. तय मानक नहीं पूरा करने पर भट्ठों को बंद कर दिया जायेगा. अब प्रत्येक माह ईट भट्ठों की जांच भी होगी. इसके लिये विभाग के तरफ से खान निरीक्षक को जिम्मेवारी दी गयी है. उनके द्वारा जांच के साथ ही ईंट पथाई पर भी नजर रखी जायेगी. जिला खनिज विकास पदाधिकारी बलवंत कुमार ने सभी ईट भट्ठा संचालकों को पत्र भेजकर कहा है कि पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की अद्यतन अधिसूचना व दिशा निर्देशों के अनुरूप पर्यावरणीय अनापत्ति प्राप्त करने के बाद ही ईट भट्ठा के उद्देश्य से मिट्टी उत्खनन करना है. अगर अनापत्ति नहीं लिया जाता है तो जांच के बाद वैसे चिह्नित ईट भट्ठा पर कानूनी कार्रवाई होगी. साथ ही ईंट भट्ठा संचालन के लिये सभी के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी के साथ-साथ सीटीओ का होना जरूरी है. एनओसी ईंट भट्ठा खड़ा करने के लिए मिलता है जबकि भट्ठे को संचालित करने के लिए सीटीओ होना जरूरी है. एक नवंबर से ईट भट्ठा का सत्र भी शुरू होने जा रहा है. इसके बाद ईट की पथाई भी शुरू हो जायेगी. जिले में पिछले वर्ष कुल 214 से अधिक ईंट भट्ठे का संचालन हुआ था जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 214 से अधिक ईंट भट्ठा का संचालन हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार वित्तीय वर्ष 2024-25 में ईट भट्ठा से वार्षिक लक्ष्य 248 लाख तय किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में 214 ईंट भट्ठा में से 200 से 245 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. अभी भी 14 पर करीब 32 लाख रुपये की राशि बकाया है. 25 लाख से अधिक ईट मिलने पर अतिरिक्त देना होगा रॉयल्टी की राशि खनन विभाग के अधिकारियों द्वारा ईंट सत्र शुरू होने के बाद से ईंट भट्टे पर ईंट पथाई के लिए रखे गये मिट्टी और ईट की जांच की जायेगी. अगर पूरे सत्र में पथाई की गयी ईट की संख्या 25 लाख से अधिक मिला तो संबंधित ईट भट्ठा के संचालकों को प्रति लाख अतिरिक्त रॉयल्टी की राशि जमा करना होगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार श्रेणी-02 के ईंट भट्ठा संचालन करने वालों को 35 लाख ईंट बनाने की अनुमति मिलेगी. जिसके लिए 8750 मीटर क्यू मिट्टी रहना होगा और श्रेणी 03 के ईंट भट्टा संचालन करने वालों को 250000 लाख ईंट पथाई की अनुमति दी जायेगी. इसके लिए 6250 मीटर क्यू मिट्टी रहना चाहिए. साथ ही अगर भट्ठा पर सफेद बालू मिलता है तो उसकी भी जांच होगी. ससमय रॉयल्टी जमा नहीं करने पर लगेगा जुर्माना खनन विभाग ने ईंट भट्टा संचालन के लिए शहरी क्षेत्र में एक लाख 57 हजार 500 रॉयल्टी तय किया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के चिमनी के लिए एक लाख 12 हजार 500 रुपये निर्धारित किया है. भट्ठा चालू करने के पूर्व यह राशि 30 नवंबर तक जमा करने वाले भट्ठा मालिकों को निर्धारित शुल्क में पांच फीसद की छूट दी जायेगी. 31 दिसंबर तक बिना दंड के निर्धारित शुल्क जमा किया जा सकेगा. 31 जनवरी तक 105 फीसदी, 28/29 फरवरी तक 110 फीसदी, 31 मार्च तक 115 फीसदी, 30 जून तक 150 फीसदी और 30 जून के बाद रॉयल्टी शुल्क दो सौ प्रतिशत निर्धारित किया है. अगली पथाई सीजन के पूर्व इस राशि के जमा नहीं करने पर उन्हें दोबारा भट्ठा चलाने की इजाजत नहीं दी जायेगी. क्या कहते है अधिकारी मिट्टी का उत्खनन करने के लिये पर्यावरणीय अनापत्ति लेना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई होगी. ईंट भट्टा संचालन करने वालों को 25 लाख लाख ईंट पथाई की अनुमति दी जायेगी. जांच में इससे अधिक ईंट मिलते है तो अतिरिक्त रॉयल्टी की राशि जमा करना होगा. बलवंत कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, सीवान
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