पशुओं को नींद का इंजेक्शन लगा कर ले जा रहे थे तस्कर
पशु तस्करों के बड़े रैकेट के खुलासे के बाद पुलिस इनके नेटवर्क को तलाशने में जुटी है.मैरवा थाना क्षेत्र के कोल्हुवा दरगाह से तीन पिकअप पर लदे पशुओं के साथ शुक्रवार को पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया था.जिनके बारे में बताया जा रहा है कि ये गांवों से पशुओं को एकत्रित कर वाहनों में क्रुरतापूर्वक लाद कर वध के लिये ले जाते हैं.बरामद पशु को तस्कर यूपी के विभिन्न गांवों से एकत्रित कर ले जा रहे थे
सीवान. पशु तस्करों के बड़े रैकेट के खुलासे के बाद पुलिस इनके नेटवर्क को तलाशने में जुटी है.मैरवा थाना क्षेत्र के कोल्हुवा दरगाह से तीन पिकअप पर लदे पशुओं के साथ शुक्रवार को पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया था.जिनके बारे में बताया जा रहा है कि ये गांवों से पशुओं को एकत्रित कर वाहनों में क्रुरतापूर्वक लाद कर वध के लिये ले जाते हैं.बरामद पशु को तस्कर यूपी के विभिन्न गांवों से एकत्रित कर ले जा रहे थे.हालांकि इन पशुओं को कहां ले जाना, यह अभी बात सामने नहीं आ पायी है. मैरवा के एसडीपीओ अजीत प्रताप सिंह की अगुवाई में पुलिस को मिली इस सफलता को महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इन बरामद पशुओं की संख्या पहले 40 बतायी गयी थी, पर पुलिस रिकार्ड के मुताबिक कुल संख्या 34 थी.जिसमें से 11 पशु मृत पाये गये.जिनका पुलिस के देखरेख में देरशाम पोस्टमार्टम कराया गया. गांवों तक फैले हैं पशु तस्करों के रैकेट मैरवा पुलिस ने मौके से चार तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया था.जिसमें जिले के मैरवा थाना के सेमरा निवासी जमालुद्दीन मियां के अलावा यूपी के आजमगढ़ जिले के अखला थाना क्षेत्र के सैफीगढ़ निवासी परवेज व पवही थाना के मिल्कीपुर निवासी संजय यादव तथा आंबेडकरनगर जिले के जैदपुर थाना सेहरी निवासी धर्मेंद्र यादव शामिल है.बताया जाता है कि अंतरराज्यीय तस्करों का नेटवर्क गांवों तक फैला हुआ है. ये विशेषकर पशुपालकों के लिये बेकार हो गये जानवरों को ही कम दाम में खरीद लेते हैं.इस काम को आसपास के गांवों में ही रहनेवाला नेटवर्क का साथी करता है.ये तस्कर विभिन्न जिलों में फैले हुए हैं, जिनका इलाका बंटा हुआ है.जिसके अनुसार तस्करी की रकम दी जाती है.ये तस्कर एक खास इलाके तक ले जाकर गिरोह के अन्य सदस्यों के हवाले इन पशुओं को कर देते हैं.मैरवा थाना क्षेत्र में बरामद पशुओं के मामले में पुलिस अभी छानबीन कर रही है. नींद का इंजेक्शन देकर पशुओं को ले जाते हैं तस्कर पुलिस के तहकीकात में यह बात सामने आयी है कि तस्कर इन पशुओं के ले जाने के पूर्व एक स्थान पर एकत्रित करते हैं.इसके बाद उन्हें अचेत करने के लिये क्लोरोफॉर्म सुंंघाया जाता है.इसके बाद पशुओं में सुस्ती बनी रहे, इसके लिये नींद का जायलाजीन इंजेक्शन लगाते हैं.इसका असर आमतौर पर पशुओं में तीन से चार घंटे तक का रहता है.इस इंजेक्शन के चलते छोटे से वाहन में भी क्षमता से अधिक संख्या में पशुओं को ले जाना संभव हो जाता है. इस संबंध में मैरवा थाना प्रभारी प्रमोद साह ने बताया कि मुकदमे दर्ज कर तस्करों को जेल भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है.बरामद पशुओं के मामले में तहकीकात की जा रही है.जिससे की तस्करों के अन्य साथियों का भी पता चल सके.ये तस्कर इन पशुओं को कहां ले जा रहे थे, यह बात अभी पुष्ट नहीं हो पायी है.
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