सीवान. जिले के सभी फायर बिग्रेड की गाड़ियों में जीपीएस लगाया जायेगा. साथ ही फायर स्टेशन को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (आरएसएस) से सीधे जोड़ा जा रहा है. संभावना है कि फरवरी महीने में इसे चालू कर दिया जाएगा. नयी व्यवस्था के बहाल होते ही जिले के फायर स्टेशन इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम से सीधे जुड़ जाएंगे. डायल 112 पर घंटी बजते ही दमकल दस्ता मौके वारदात की और रवाना हो जाएगा. वर्तमान में डायल 112 का कंट्रोल सेंट्रल पटना में स्थापित है.आग लगने अथवा आपदा को स्थिति में फोन करने पर लोगों की शिकायतें सबसे पहले कंट्रोल सेंट्रल में बैठे कर्मों तक पहुंचती हैं. वहां से कर्मी जिले के फायर स्टेशन को फोन कर सूचना देते हैं. इसके बाद दमकल टीम घटनास्थल की ओर रवाना होती है. वाहन को मोबाइल टैब से भी किया जाएगा लैस जिले में बड़े और छोटे 16 दमकल वाहन हैं, इसमें जीपीएस लगाया जाएगा. इतना ही नहीं मोबाइल टैव से भी लैस किया जाएगा. वाहनों की हर गतिविधि पर पटना के साथ जिलास्तर पर पदाधिकारी नजर रखेंगे. आग लगने को सूचना मिलने के बाद फायर स्टेशन अथवा थानों में तैनात दमकल दस्ता कितनी देर में रवाना हुई, घटनास्थल पर पहुंचने कितना समय लगेगा, हर लोकेशन पर नजर रखी जाएगी. जबकि, मोबाइल टैब से कर्मियों को सूचनाओं के आदन- प्रदान करने में सहूलियत होगी. बोले पदाधिकारी अग्निशमन वाहनों में जीपीएस लगेगे.वहीं फायर स्टेशन में इआरएसएस यूनिट की स्थापना की जा रही है. नयी पहल से आपदा की स्थिति में कम से कम समय में दमकल टीम को पहुंचने में सहूलियत मिलेगी. अविनाश कुमार, अग्निशमन पदाधिकारी,सीवान
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