फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का कार्यक्रम शुरू
जिले के 34 लाख 67 हजार लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के एमडीए कार्यक्रम की शुरूआत सोमवार से हुई. सदर प्रखंड के जियांय स्थित राजकीय मिडिल स्कूल में सीएस डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने अधिकारियों के साथ दवा खाकर इसकी शुरूआत की
प्रतिनिधि, सीवान. जिले के 34 लाख 67 हजार लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के एमडीए कार्यक्रम की शुरूआत सोमवार से हुई. सदर प्रखंड के जियांय स्थित राजकीय मिडिल स्कूल में सीएस डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने अधिकारियों के साथ दवा खाकर इसकी शुरूआत की. सीएस ने कहा कि फाइलेरिया रोग से मनुष्यों में अपंगता हो जाती है और वह इससे उबर नहीं पाता है. इसलिए यह दवा सभी को खानी चाहिए. दवा खाना ही एक मात्र इस रोग का बचाव है. सीएस ने कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम लोगों को दवा देकर नहीं आयेगी, बल्कि अपने समक्ष खुद दवा खिलाएगी. दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. जिन लोगों में फाइलेरिया के कीटाणु होंगे, उन्हें दवा खाने पर चक्कर आ सकता है. परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है. 34 लाख 67 हजार लोगों को खिलाई जाएगी दवा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में कुल जिले की 39 लाख 85 हजार 60 जनसंख्या है. इस अभियान के दौरान जिले में 34 लाख 67 हजार को लक्षित किया गया है. फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 2 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को डीइसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीइसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीइसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जायेगी. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई भी दवा नहीं खिलानी है. सफल संचालन के लिए 1710 भ्रमणशील टीम इस कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सहयोगी संस्थान डब्ल्यूएचओ, पीरामल स्वास्थ्य, सिफार, जीविका, आईसीडीएस, एनसीसी, एनएसएस व अन्य संस्थानों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.ताकि, लोगों को सामुदायिक स्तर पर जागरूक किया जा सके. अभियान के सफल संचालन के लिए 1710 भ्रमणशील टीम का गठन किया गया है. जिनमें आशा, आईसीडीएस की सेविकाएं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल है. टीम की निगरानी के लिए 173 पर्यवेक्षक को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि एमडीए का यह अभियान 17 दिनों तक चलाया जाएगा. जिसमें प्रथम तीन दिन बूथ लगाकर दवाएं खिलाई जायेगी. वहीं, 14 दिनों तक घर- घर जाकर दवा का सेवन कराया जायेगा.
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