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पोर्टल पर प्रस्तुत करने होंगे टीकाकरण के आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है की बच्चों को नियमित टीकाकरण करने वाले निजी स्वास्थ्य संस्थानों को एचएमआइएस पोर्टल पर टीकाकरण के आंकड़े समय पर प्रस्तुत करना होगा

सीवान.स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिया है की बच्चों को नियमित टीकाकरण करने वाले निजी स्वास्थ्य संस्थानों को एचएमआइएस पोर्टल पर टीकाकरण के आंकड़े समय पर प्रस्तुत करना होगा.स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा गया है कि राज्य में 550 निजी स्वास्थ्य संस्थान एचएमआइएस पोर्टल पर पंजीकृत है, जिसमें से मात्र 24 संस्थानों द्वारा ही पोर्टल पर नियमित टीकाकरण से संबंधित आंकडें प्रतिवेदित किये जा रहे है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि इसके लिए जिला में नियमित टीकाकरण हेतु पंजीकृत्त सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों को पोर्टल पर पंजीकृत कराने तथा उक्त पोर्टल पर आंकड़ों की ससमय प्रविष्टि की जाये. विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि सिविल सर्जन 10 जून को जिला के सभी निजी स्वास्थ्य संस्थान के प्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित कर पूर्व से पंजीकृत्त निजी स्वास्थ्य संस्थानों का एचएमआइएस पोर्टल पर संधारित आंकड़ों की प्रविष्टि की समीक्षा करें. यह भी निर्देश दिया गया है की वैसे निजी स्वास्थ्य संस्थान जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं. उनका पंजीकरण जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी के माध्यम से 25 जून तक करवाते हुऐ जून से आकड़ों का संधारण पोर्टल पर कराया जाय.इसके साथ ही सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा प्रदान किये जा रहे सेवाओं से संबंधित आंकड़ों को पोर्टल पर संधारित कराकर इसकी नियमित रूप से मासिक समीक्षा डाटा वैलिडेशन कमेटी में करने का निर्देश विभाग द्वारा दिया गया है. बच्चों के टीकाकरण करने वाला एक भी निजी संस्थान एचएमआइएस पोर्टल पर नहीं है पंजीकृत जिले में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत स्वास्थ्य विभाग में लगभग 100 से अधिक पैथोलॉजी जांच, डायग्नोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम, अस्पताल एवं ब्लड बैंक पंजीकृत है. इनमें से लगभग एक दर्जन संस्थानों में बच्चों के नियमित टीकाकरण बिना विभाग की अनुमति के किए जाते हैं. जिले के प्राय: सभी निजी अस्पतालों में बच्चों का नियमित टीकाकरण मानक के अनुसार नहीं किया जाता है. जागरूकता के अभाव में सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगाए जाने वाले बच्चों के टीके लोग निजी अस्पतालों में 30 से 45 हजार रुपए प्रति वर्ष देकर करा रहे हैं. जागरूकता के अभाव में अधिक पढ़े लिखे एवं आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति निजी अस्पतालों में ही अपने बच्चों का टीकाकरण कराता है. जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी अस्पतालों में लगाये जाने वाले टीके प्राइवेट की अपेक्षा अधिक प्रभावशाली होते हैं.स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाले वैक्सीन की गुणवत्ता को मेंटेन करने के लिए वैक्सीन को दो डिग्री से 8 डिग्री के बीच आइएलआर में रखता है, जिसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाती है. निजी अस्पतालों में वैक्सीन को सामान्य घरेलू फ्रिज में रखा जाता है.बच्चों को शरीर के किस जगह कौन सा टीका लगाना है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट गाइड लाइन है. निजी अस्पतालों में इसका पालन नहीं किया जाता है

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