अनापत्ति प्रमाणपत्र को लेकर उदासीन हैं नियोजन इकाइयां

स्थानीय निकाय शिक्षकों द्वारा सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद विशिष्ट शिक्षक के रूप में विद्यालयों में योगदान कर लिया गया है. अब वे सरकारी शिक्षक हो गए हैं, लेकिन विद्यालयों में योगदान के पश्चात एक आवश्यक नियम का पालन अधिकांश नियोजन इकाईयों द्वारा नहीं किया जा रहा है जो कि शिक्षकों के अनापत्ति प्रमाण पत्र से जुड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 10:27 PM

संवाददाता, सीवान. स्थानीय निकाय शिक्षकों द्वारा सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद विशिष्ट शिक्षक के रूप में विद्यालयों में योगदान कर लिया गया है. अब वे सरकारी शिक्षक हो गए हैं, लेकिन विद्यालयों में योगदान के पश्चात एक आवश्यक नियम का पालन अधिकांश नियोजन इकाईयों द्वारा नहीं किया जा रहा है जो कि शिक्षकों के अनापत्ति प्रमाण पत्र से जुड़ा है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये गये औपबंधिक नियुक्ति पत्र में नीचे एक घोषणा पत्र भी दिया गया है जिसमें शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा इस बात की घोषणा की जानी है कि उनके द्वारा विशिष्ट शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया हेतु दी गई सभी सूचना एवं प्रमाण पत्र सत्य हैं और यदि कोई सूचना अथवा प्रमाण पत्र गलत पाया जाता है तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने हेतु शिक्षा विभाग स्वतंत्र होगा. बीआरसी और नियोजन इकाइयां नहीं ले रहीं रुचि जानकार बताते हैं कि स्थानीय निकाय शिक्षक के रूप में बहाल होने के समय पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव, प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर निकाय स्तर पर कार्यपालक पदाधिकारी तथा जिला परिषद के स्तर पर उप विकास आयुक्त नियोजन इकाई के सचिव हैं, जिनके हस्ताक्षर से स्थानीय निकाय शिक्षकों को नियोजन पत्र प्रदान किया गया था परंतु अब सरकारी शिक्षक के रूप में विशिष्ट शिक्षक के पदनाम के साथ अपने मूल विद्यालय में ही योगदान करने के उपरांत उन्हें स्थानीय निकाय की नियोजन इकाई द्वारा इस आशय का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा और शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराना होगा. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सफल होने के पश्चात भी स्थानीय निकाय शिक्षकों ने अपनी नियोजन इकाई से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद शिक्षा विभाग को समर्पित किया है.अधिकांश बीआरसी को इस बारे में पता भी नहीं है. जबकि अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का वर्णन विशिष्ट शिक्षकों के औपबंधिक नियुक्ति पत्र में ही विद्यमान है जो जिला शिक्षा पदाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर से निर्गत है. शिक्षकों को विद्यालय में योगदान किए हुए भी एक सप्ताह से अधिक का समय बीत गया है. ऐसे में नियम के अनुसार नियोजन इकाई द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करना नियम संगत होगा. हालांकि अभी तक की अपुष्ट सूचना के अनुसार भगवानपुर हाट प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा कुछ शिक्षकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अग्रसारित होने के साथ-साथ नियोजन इकाई के सचिव के स्तर से लगभग एक सप्ताह पहले ही निर्गत किया जा चुका है. अनापत्ति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया संबंधित शिक्षक द्वारा अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक के स्तर से अनापत्ति प्रमाण पत्र संबंधी आवेदन नियोजन इकाई के सचिव के पास संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराना होगा. यानी प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षकों के अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास आवेदन भेजना होगा जहां से वह नियोजन इकाई के सचिव के पास चला जाएगा और उसके पश्चात नियोजन इकाई के सचिव के स्तर से वह अनापत्ति प्रमाण पत्र बीआरसी होते हुए पुनः संबंधित विद्यालय में आ जाएगा. जिसे प्रधानाध्यापक द्वारा सुरक्षित रखा जाएगा एवं आवश्यकता पड़ने पर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जायेगा. वर्जन- नियोजन इकाइयों से अनुरोध है कि वे अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने में शिक्षकों को सहयोग करें. ताकि इनके विशिष्ट शिक्षक बनने की प्रक्रिया को आसानी से पूरी की जा सके. फोटो.11. राघवेंद्र प्रताप सिंह, डीइओ, सीवान

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