मैरवा. थाना क्षेत्र के मैरवा धाम स्थित बाबा हरिराम मंदिर के पुजारी सुग्रीव पांडेय की हत्या मामले में पुलिस ने आठ पुजारियों सहित उनके परिजनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर ली है. साथ ही पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी कर रही है. मृतक के पुत्र जगदीश कुमार पांडेय ने मंदिर के पुजारियों पर पुरानी रंजिश में पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है. पुलिस को दिये आवेदन में मृतक के पुत्र जगदीश कुमार पांडेय ने आरोप लगाया है कि थाना क्षेत्र के सेवतापुर के बशिष्ठ पांडेय, हरिशंकर पांडेय, मनु पांडेय, रत्नेश पांडेय, रवि पांडेय, दीपक पांडे व अनीश पांडेय ने मिलकर मेरे पिता की हत्या कर दी है. जान लेने की नीयत से छाती पर लात और घुसे से मारा पीटा गया. जिस कारण उनकी मौत हो गयी. इधर थाना प्रभारी प्रमोद साह ने बताया कि आवेदन के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है. पुजारी की मौत के बाद गांव में मातम का माहौल- थाना क्षेत्र के हरनाथपुर गांव में पुजारी की मौत की घटना के बाद मातम का माहौल है. शनिवार की रात शव पहुंचने के बाद परिजनों के चीख पुकार से माहौल गमगीन हो गया. रातभर परिजन रोते- बिलखते रहे. स्थानीय लोगों ने बताया कि हरिराम मंदिर में वर्षो से चल रहे पुरानी रंजिश को खत्म कर दिया जाता तो पुजारी की जान नहीं जाती. दूसरे दिन मंदिर परिसर में बंद रही दुकानें- हरिराम मंदिर के पुजारी की मौत की घटना के बाद मंदिर परिसर के कई दुकानें दूसरे दिन सोमवार को बंद थी. वहीं अन्य दुकाने खुली हुई थी. मंदिर में बाबा का दर्शन व पूजा पाठ करते भक्त देखे गये. पूछने पर किसी तरह की कोई समस्या नहीं बतायी. सामान्य रूप से मंदिर में लोग पूजा अर्चना कर रहे थे. स्थानीय दुकानदार ने बताया कि मृतक का दुकान और आरोपियों की दुकान बंद है. बाकी लोगों का दुकान खुला है. मंदिर में पुजारियों के बीच कोई तनाव नहीं देखा गया. वैश्य समाज के लोगो ने ट्रस्ट से जोड़ने का किया मांग- बाजार के वैश्य समाज के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र ने हरिराम ब्रह्म मंदिर को ट्रस्ट से जोड़ने की मांग प्रशासन से किया है. कहा कि वर्षों से हरिराम मंदिर में पुजारियों के बीच वर्चस्व को लेकर झगड़ा होते रहता है. अगर आज ट्रस्ट होता तो पुजारी की मौत नहीं होती. हरिराम मंदिर में यूपी और बिहार से आने वाले भक्त पूजा अर्चना के बाद दान भी करते हैं. लेकिन मंदिर में दान के रुपयों का कोई हिसाब नहीं है. वैश्य समाज ने कहा कि मंदिर को ट्रस्ट से जुड़ जाने से हजारो गरीबों को मदद मिलेगी. दान के रुपयों से कई सारे काम किये जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पटना के हनुमान मंदिर में दान के रुपयों से कई अस्पताल चलता है. जिससे गरीबों व असहायों को इलाज में मदद मिलती है. ऐसे काम करता है ट्रस्ट- ट्रस्ट जिसे हिन्दी में न्यास कहते हैं. मंदिर कि एक प्रशासनिक बॉडी होती है. ट्रस्ट में चेयरमैन और सेक्रेटरी का पद होता है. चेयरमैन का चुनाव होता हैं. ट्रस्ट के सदस्यों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा चुना जाता है. मंदिर ट्रस्ट को कानूनन चंदे की राशि का कोई टैक्स नहीं देना होता है. ट्रस्ट के फैसलों या किसी अन्य काम में सरकार कोई दखल नहीं देती है. ट्रस्ट अपना खर्च बोर्ड सदस्यों की सहमति से करती है.
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