तीन पुलों के ध्वस्त होने से 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित

सीवान.मानसून की पहली बारिश में ही जिले के गंडकी नदी पर बने तीन पुल के एक ही रात ध्वस्त हो जाने के बाद अन्य पुलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है.मंगलवार की रात्रि में गंडकी नदी पर बना तीन पुल जहां ध्वस्त हो गया

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2024 9:38 PM

संवाददाता, सीवान.मानसून की पहली बारिश में ही जिले के गंडकी नदी पर बने तीन पुल के एक ही रात ध्वस्त हो जाने के बाद अन्य पुलों के भविष्य पर भी खतरा मंडराने लगा है. मंगलवार की रात्रि में गंडकी नदी पर बना तीन पुल जहां ध्वस्त हो गया, वहीं दस दिन पूर्व भी एक और पुल यहां ध्वस्त हो गया था. बाढ़ नियंत्रण व जलसंसाधन विभाग के मुताबिक गंडकी नदी पर कुल 98 पुल हैं, जिनमें से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं. मालूम हो कि गोपालगंज जिले के यादवपुर से गंडक नदी से निकली छारी नदी को बोलचाल में गंडकी नहीं कहा जाता है.गंडकी नदी सीवान जिले के गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर, दरौंदा प्रखंड क्षेत्र से होते हुए सारण जिले के शितलपुर में गंडक नदी में जाकर मिल जाती है.इस गंडकी नदी पर ही कुल 98 पुलों का निर्माण कराया गया था.पिछले तीन माह पूर्व गंडकी नदी की सफाई कार्य के लिये पोकलेन लगाया गया था.इसकी खुदाई काफी गहराई तक करने के बाद बारिश के दबाव में तेजी से कटान के चलते इन पुलों पर खतरा मंडराने लगा है.इन्ही पुलों में से दस दिनों के अंदर चार पुल ध्वस्त हो चुके हैं. पुल टुटने से बड़ी आबादी प्रभावित नवतन पुल के टूट जाने से सिकंदरपुर, नौतन, तेवथा, टेघड़ा, आकाशी मोर बाजार, गोहपुर, बजरहिया, पराईन टोला, भैया बहिनी सहित दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. ऐसे में इन गांव के लोगों को एक दूसरे के यहां जाने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी.जबकि सिकंदरपुर गांव का अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.गांव के ग्रामीणों को प्रखंड या अनुमंडल जाने के लिए सात किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. पुलिया के टूटने से सबसे ज्यादा प्रभावित सिकंदरपुर गांव के लोग हुए हैं. पुल के नजदीक सिकंदरपुर हाई स्कूल है. जहां आनेवाले छात्रों के पढ़ाई प्रभावित होगी.वहीं पड़ाईन टोला पुल के ध्वस्त होने से दो प्रखंड महाराजगंज व दरौंदा का संपर्क कट गया है.पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के मद से 2004 में बने पुल के टूटने से भैया बहिनी बाजार के व्यवसाय पर भारी असर पड़ेगा. सिकंदरपुर व टेघड़ा गांव के समीप की पुलिया टूटने से आसपास के हाट बाजार के व्यवसाय पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.दर्जनों गांव के लोग इसी पुलिया के माध्यम से आकाशी मोर व नौतन बाजार सहित कई हाट बाजारों में जाते थे.अब उन्हें छह किलोमीटर की दूरी तय कर बाजार करने जाना होगा. इसके अतिरिक्त सिकंदरपुर पुलिया के माध्यम से छोटी बड़ी गाड़ियां आती-जाती थी.अब इन गाड़ियों का आवागमन पूर्णतः ठप हो गया है. जिससे निर्माण कार्यों पर असर पड़ेगा. खासकर चिमनी व्यवसायियों के लिए के आर्थिक तौर पर नुकसानदायक साबित होगा. 22 जून को गिरा था पहला पुल महाराजगंज- दरौंदा थाना क्षेत्र के गोरौली -पटेढा गांव की सीमा पर निर्मित पुल पिछले 22 जून को ध्वस्त हो गया था. जिससे कई गांव का संपर्क कटा हुआ है .इस पुल का ईंट का पाया आस-पास के जनता के चंदा की राशि से बना था. शेष कार्य तत्कालीन विधायक उमाशंकर सिंह के प्रस्ताव पर 1990 में कराया गया था. स्थानीय प्रयास से बने थे ये पुल दो जुलाई की रात्रि दरौंदा-महाराजगंज सीमा के महुआरी गांव के पड़ाइन टोला और भीखाबांध गांव की सीमा पर निर्मित पुल महाराजगंज के तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह के प्रयास से 2004 में 10 लाख की लागत से बना था .वही टेघड़ा बंगरा गांव के बीच 1913 में पुल स्थानीय ग्रामीणों के प्रयास से बना था. यह पुल ध्वस्त होने के साथ ही नदी के धारा में बह गया है. वहीं सिकंदरपुर नौतन पुल 1991 में महाराजगंज के तत्कालीन सांसद प्रमुनाथ सिंह के प्रयास से लगभग छह लाख की लागत से बनाया गया था. इस पुल के निर्माण में सिकंदरपुर उच्च विद्यालय के संस्थापक सिकंदरपुर निवासी स्व लालदेव सिंह की भूमिका अहम थी . बताते चलें पुल के पूरब हाई स्कूल है.स्कूल के पीछे से नदी बहती है. विद्यालय में नौतन, तेवथा बजरहिया समेत अन्य गांव के बच्चे उसी पुल से विद्यालय में आते-जाते रहे हैं. इसके अतिरिक्त कई गांवों के लोगों का महाराजगंज मुख्यालय व सीवान जिला मुख्यालय के आनेजाने का रास्ता यही पुल रहा है. वैकल्पिक व्यवस्था कराने की मांग कर रहे हैं ग्रामीण पुलिया गिरने के बाद जब वस्तुस्थिति का निरीक्षण करने जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता सहित जिले के सभी विभागीय व वरीय पदाधिकारी वहां पहुंचे.मुखिया आलोक कुमार सिंह, समाजसेवी बिनोद सिंह, संत कुमार पांडेय सहित स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी. ग्रामीणों ने कहा कि अविलंब वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए. ताकि आवागमन का माध्यम बना रहे. ग्रामीणों ने कहा कि गिरे हुए पुल के बगल में बांस का पुल या पीपा पुल की व्यवस्था कराई जाये. ताकि हमारा जनजीवन प्रभावित न हो. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि इस पुल पर भी नया पुल का निर्माण कराया जाये. खेती व पशुपालन होगा प्रभावित देवरिया पंचायत के पाराइन टोला में, टेघड़ा पंचायत के टेघड़ा में व तेवथा पंचायत के सिकंदरपुर में पुलिया के ध्वस्त हो जाने से खेती व पशुपालन प्रभावित होगा. तेवथा गांव के परवेज आलम, आफताब आलम, पप्पू महतो, गणेश महतो, श्रीभगवान यादव, अब्बास अली, विनय यादव, नौतन के शिवजी राम, अनुज यादव, रंजन यादव, शैलेंद्र कुमार उदय प्रकाश, बाबुद्दीन अली, जितेश कुमार व शहाबुद्दीन ने बताया कि पुल के टूट जाने से खेतीबारी व पशुपालन बुरी तरह प्रभावित होगा. एक दूसरे का खेत नदी के दोनों ओर है. जबकि पशुओं के लिए चारा भी पुलिया से होकर ही लाते व जाते थे. जबकि पुलिया के आसपास मंदिर, शमशान व कब्रिस्तान भी है. डीएम ने ध्वस्त पुलाें का लिया जायजा महाराजगंज प्रखंड क्षेत्र के तेवथा व नवतन के ध्वस्त पुलों का डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने निरीक्षण किया . साथ में बाढ़ विभाग ,आरडब्ल्लूडी के कार्यपालक अभियंता के अलावा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. इसके बाद जिला पदाधिकारी ने महाराजगंज अनुमंडल कार्यालय में सभी अधिकारियों के साथ बैठक की . डीएम ने जर्जर सभी पुल पुलियाें का मरम्मत व पुनर्निर्माण कराने की जिम्मेवारी आरडब्लूडी और बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को दी . डीएम ने कहा कि गोरौली में पुल के ध्वस्त हो जाने के बाद जर्जर सभी पुलों को चिह्नित करने का निर्देश विभाग को दिया गया था. जिसके बाद आठ पुल जर्जर पाए गए थे.आठों पुल ईंट से बने हैं. जिसके मरम्मत का कार्य चल रहा था.उन्होंने कहा कि नदियों में वर्षों से पानी नहीं आया था.खेतीबारी में सिंचाई की सुविधा के सुदृढ़ीकरण के लिए नदी की सफाई कराई गई थी.सफाई के बाद जब पानी आया तो ईंट वाले पुलिया क्षतिग्रस्त होने लगे हैं.जबकि पाइलिंग वाले पुल-पुलिया सुरक्षित हैं. डीएम ने कहा कि टेघड़ा में एक पुलिया पुरी तरह ध्वस्त है. जबकि पड़ाईन टोला व सिकंदरपुर में पुल धंस गया है.एहतियात के तौर पर पुलों के आसपास बेरिकेटिंग कर आवागमन बंद कर दिया गया है.डीएम ने बताया कि सभी जर्जर व क्षतिग्रस्त व ध्वस्त पुल पुलिया के जगह पर शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी. उसके जगह पुल का भी निर्माण कराया जाएगा. बोले कार्यपालक अभियंता महाराजगंज प्रखंड के नवतन,तेवथा तथा देवरिया पडाईन टोला गांव के बीचोंबीच बनी गंडकी नदी पुल करीब 35 से 40 वर्ष पुरानी पुल था.गंडकी नदी की साफ- सफाई के बाद पानी का दबाव बढ़ने के चलते फाउंडेशन पानी के दबाव से धंस जाने के कारण पुल नीचे के तरफ बैठ गया.जिसके चलते पुल ध्वस्त हो गया.इसमें किसी प्रकार का कोई हताहत की सूचना नहीं है. मनंजय कुमार,कार्यपालक अभियंता,आरडब्लूडी, महाराजगंज दस किलोमीटर लंबाई क्षेत्र में था ये पुल गंडकी नदी पर बना पुल के ध्वस्त होने के बाद से विभागीय अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गयी है. महाराजगंज प्रखंड क्षेत्र के टेघड़ा के ध्वस्त हुए पुल से नवतन पुल की दूरी तीन किलोमीटर है.फिर नवरत से देवरिया पडाईन टोला 7 किलोमीटर है. दो तीन माह पहले से गंडकी नदी की साफ- सफाई हो रही थी.

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