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राशि के अभाव में मिड डे मील पर गहराया संकट

सीवान. सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में राशि आवंटन नहीं होने से एमडीएम पर संकट गहराता नजर आ रहा है साथ ही गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. अधिकांश विद्यालयों में सितंबर के बाद से एमडीएम की राशि नहीं मिली है.

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मनीष गिरि, सीवान. सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में राशि आवंटन नहीं होने से एमडीएम पर संकट गहराता नजर आ रहा है साथ ही गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. अधिकांश विद्यालयों में सितंबर के बाद से एमडीएम की राशि नहीं मिली है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले के औसतन 2043 सरकारी शिक्षण संस्थानों के 2.46 लाख छात्र रोजाना मध्याह्न योजना से लाभान्वित होते है.जबकि एमडीएम के पास नामांकित छात्रों की संख्या का आंकड़ा 4 लाख 10 हजार 268 है. साथ ही प्रतिमाह औसतन दो करोड़ 41 लाख रूपये खर्च होता है. प्रधानाध्यापकों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में इस मद में राशि नहीं मिली तो स्कूलों में मध्याह्न भोजन संचालित करना मुश्किल हो जायेगा. विभागीय सूत्रों ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में मध्याह्न भोजन मद में सितंबर तक का आवंटन मिला था. इधर दिसंबर शुरू हो गया है. अभी तक कुकिंग कॉस्ट मद में कोई राशि जिला को नहीं मिली है. एचएम मुश्किल से उधार लेकर बच्चों के बीच मध्याह्न भोजन संचालित कर रहे है. जल्द राशि नहीं मिलने पर बहुत दिनों तक मध्याह्न चला पाना स्कूल प्रबंधन के लिए मुश्किल हो जायेगा. मिड डे मील की राशि नहीं मिलने से व्यवस्था चरमरा गई है. प्रधानाध्यापकों का कहना है कि किसी भी हाल में स्कूल में एमडीएम को बाधित नहीं करना है. दुकानदारों से उधार लेकर बच्चों का मिड डे मील संचालित किया जा रहा है. कुछ प्रधानाध्यापकों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि फिलहाल दुकान से उधारी लेकर मेन्यू के हिसाब से भोजन चलाया जा रहा है. यदि शीघ्र आवंटन नहीं मिला तो विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं कुछ का कहना था कि समय पर एमडीएम की राशि नहीं मिलने से काफी दिक्कत हो रही है. किसी तरह कर्ज व दुकानों में उधार के भरोसे एमडीएम चलाना पड़ रहा है. उनका कहना है कि एमडीएम राशि नहीं मिलने पर बहुत मुश्किल से दुकानदार से उधार लेकर एमडीएम चलाया जा रहा है. वेंडर उधार देने में आनाकानी कर रहे है. क्या कहा दुाकानदार ने…… स्कूलों का करीब दो महीने की राशि मध्याह्न भोजन सामग्री का बकाया है. अगर स्थिति ऐसी ही रही तो ज्यादा दिनों तक हम बकाया दे नहीं करेंगे. हमें नकद भुगतान कर होल सेलर से सामान खरीद कर लाना पड़ता है. देवेंद्र, दुकानदार, जीरादेई बोले अधिकारी सितंबर तक विद्यालयों में एमडीएम के परिवर्तन मूल्य की राशि आवंटित की जा चुकी है. निदेशालय से जल्द ही अक्तूबर व नंबर माह की राशि जारी होने वाली. राशि प्राप्त होते ही विद्यालयों को आवंटित कर दिया जायेगा. प्रधानाध्यापक को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. जय कुमार, डीपीओ, एममडीएम

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