रेल नीर की जगह बिक रहा लोकल ब्रांड का पानी
स्थानीय जंक्शन पर ब्रांडेड पानी बेचने की ही अनुमति है, लेकिन यहां लोकल पानी की बोतलें धड़ल्ले से बिक रहा है. रेलवे के अधिकृत काउंटर व पेंट्रीकार में धड़ल्ले से लोकल पानी की बोतलें देखी जा सकती हैं. गिरोह की सक्रियता ऐसी कि रेलवे की छापेमारी के बाद भी इन पर कोई असर नहीं दिख रहा है.
सीवान. स्थानीय जंक्शन पर ब्रांडेड पानी बेचने की ही अनुमति है, लेकिन यहां लोकल पानी की बोतलें धड़ल्ले से बिक रहा है. रेलवे के अधिकृत काउंटर व पेंट्रीकार में धड़ल्ले से लोकल पानी की बोतलें देखी जा सकती हैं. गिरोह की सक्रियता ऐसी कि रेलवे की छापेमारी के बाद भी इन पर कोई असर नहीं दिख रहा है. ट्रेनों में धड़ल्ले से सप्लाई हो रही पानी प्लेटफॉर्म नंबर एक – दो-तीन के अधिकृत आइआरसीटीसी की स्टाल पर भी रेल नीर की बोतल दिखावे के लिए होती है. जबकि, फ्रिज व रेल नीर के कार्टून में लोकल पानी की बोतलें रखी हुई होती हैं. अधिकारियों की लगातार छापेमारी के बाद भी लोकल पानी बोतल का गिरोह सक्रिय है. जंक्शन पर लोकल पानी की बोतलें सबसे ज्यादा वैध वेंडर्स के हाथों बेची जा रही है. जंक्शन परिसर में स्टाल के बजाये गुजरने वाली सभी ट्रेनों में लोकल पानी की बिक्री धड़ल्ले से जारी है. वेंडर्स प्रतिदिन पांच हजार लोकल पानी की बोतलें बेच रहे हैं. दो गुणे से ज्यादा फायदा जानकारी के मुताबिक जंक्शन पर अधिकृत रेल नीर की 12 बोतल वाली एक कार्टून की कीमत 126 रुपये है. इसमें से हर बोतल की बिक्री 15 रुपये में होती है. वहीं लोकल ब्रांड की पानी की एक कार्टून महज 75 रुपये में आती है. छह रुपये की कीमत पर खरीदी जाने वाले इस बोतल को 20 रूपये के दाम पर ही बेचा जाता है. फूड स्टॉल देने में करते हैं आनाकानी अधिकारियों को यात्रियों ने इस मामले की कई बार शिकायत भी की है.मगर अधिकारियों ने शिकायतों को केवल अनदेखा किया है. इक्के-दुक्के स्टेशनों पर छापेमारी हुई भी तो उसका कोई खासा असर नही पड़ा. रेल नीर अपनी शुद्धता के लिए सर्वोपरि माना जाता है. इसका टीडीएस यानी शुद्धता का पैमाना संख्या 100 से 120 के बीच होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस टीडीएस का पानी पीने के लिए सबसे उपर्युक्त है, वही अनधिकृत रूप से बेचे जा रहे बोतलबंद पानी की शुद्धता का कोई ठिकाना नही होता. वहीं इसके अनधिकृत बिक्री से रेलवे के राजस्व पर भी खासा असर पड़ रहा है. मानकों को ध्यान नहीं कंज्यूमर वॉइस की ओर से जागो ग्राहक जागो कैंपेन के तहत कराए गए सर्वे में रेल नीर को देश भर में क्वालिटी की पानी मे नंबर वन ब्रांड बताया गया. यात्रा में अधिकतर यात्री पीने के पानी के लिए बोतलबंद जल का ही सहारा लेते हैं. ऐसे में शुद्धता के मानकों को ध्यान रखते हुए उचित मूल्य की बिक्री के साथ रेल नीर का प्रचलन बढ़ाया गया. निजी कंपनियों के प्रोडक्ट बेचने पर वेंडरों को अधिक कमीशन मिलता है. ऊपर से मनमाने रेट की उगाही. ऐसे में जरूरतमंद यात्रियों को एक लीटर बोतलबंद पानी के लिए 15 रुपए के बजाय 20 रुपए तक भी चुकाना पड़ता है. इस संबंध में डीसीआइ विशाल कुमार ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में रेल नीर उपलब्ध नहीं होने के कारण जंक्शन पर नहीं मिल पा रहा हैं.
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