संवाददाता,सीवान. जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद का काउंट डाउन शुरू हो गया है.यहां एक नवंबर से ही धान की खरीद की जा रही है. लेकिन पैक्स चुनाव खत्म होने के बाद भी धान खरीद की गति रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है.ऐसे में 15 फरवरी तक धान खरीद के लक्ष्य को हासिल कर पाना सहकारिता विभाग के लिये बड़ी चुनौती बन गयी है. करीब 74 दिनों में मात्र 38 फीसदी के करीब ही धान की खरीद पूरी की गयी है. अब 33 दिन ही समय बचा हुआ है. इस समय के अंदर 62 फीसदी लक्ष्य को प्राप्त करना होगा. इसके लिये प्रतिदिन के हिसाब से 1942 टन धान की खरीद करनी होगी.तभी धान खरीद का लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा. इस साल पूरे जिले में धान की अच्छी पैदावार भी हुयी है़ इसको देखते हुये पिछले वर्ष के हिसाब से अधिक लक्ष्य भी धान खरीद के लिये जिले को मिला है.सरकार की ओर से एमएसपी पर धान खरीद के लिये लक्ष्य को 68 हजार 87 से बढ़ाकर एक लाख दो हजार 761 टन दिया गया है. इधर धान खरीद के लिये 257 समितियों का चयन किया गया है. इसके बाद अभी तक 251 समितियां ही सक्रिय हो सकी है. चुनाव के बाद ने अध्यक्ष के चुनाव जीत जाने से विवाद के कारण चार से अधिक समितियां धान की खरीद नहीं कर रही है. वहीं एक पैक्स के अध्यक्ष व प्रबंधक खरीद में रूचि तक नहीं दिखा रहे है.वहीं धान नहीं खरीद करने वाले समितियों पर जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के आदेश पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. बताया जाता है कि क्रियाशील 251 समितियों ने अभी तक मात्र 38 हजार 657 टन धान की खरीद 5680 किसानों से पूरी की है. इसके बाद 5066 किसानों के बीच 82 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है. इधर धान खरीद के बाद पैक्स ने धान की कुटाई कराकर बिहार राज्य खाद्य निगम को चावल भी उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है़ अभी तक मात्र एक ही क्रय केंद्र शुरू हो सका है.जहां पर 232 टन चावल की खरीद की गयी है. मंगलवार को उसना चावल का क्रय केंद्र का शुभारंभ हुसैनगंज में होगा. उसके बाद चावल लेने की प्रक्रिया में तेजी होगी. जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरव कुमार ने कहा कि जिले में किसानों से एमएसपी पर धान खरीद कर रहे सहकारी समितियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिये गये है.इसके अलावे सीएमआर की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिये जा रहे है.सहायक गोदाम प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है कि घटिया सीएमआर स्वीकार नहीं किये जाने के भी निर्देश दिये गये है.जिससे राज्य खाद्य निगम को खरीद की गयी धान से बेहतर गुणवत्ता वाले फोर्टिफज्ञइड चावल उपलब्ध कराया जा सकें.
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