सब्जियों के दामों में उछाल
सावन में अधिकांश लोग शाकाहारी बन गये हैं. ऐसे में मीट, मुर्गे, मछली व अंडे की डिमांड काफी घट गयी है. हरी सब्जियों, दूध व पनीर की डिमांड काफी बढ़ी गयी है. स्थिति यह है कि मीट, मुर्गे, मछली व अंडे का लगभग 85 फीसदी कारोबार प्रभावित है.
संवाददाता, सीवान. सावन में अधिकांश लोग शाकाहारी बन गये हैं. ऐसे में मीट, मुर्गे, मछली व अंडे की डिमांड काफी घट गयी है. हरी सब्जियों, दूध व पनीर की डिमांड काफी बढ़ी गयी है. स्थिति यह है कि मीट, मुर्गे, मछली व अंडे का लगभग 85 फीसदी कारोबार प्रभावित है. हरी सब्जी, दूध व पनीर का कारोबार पहले से और बेहतर हो गया है. सोमवार से सावन माह की शुरूआत हुई है . पोल्ट्री फार्म के संचालक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि सावन के कारण मुर्गे का कारोबार काफी प्रभावित है. मात्र 15 फीसदी ही कारोबार हो रहा है. सावन माह में व्यवसाय पर काफी असर प्रत्येक वर्ष पड़ता है. सावन में मांग बढ़ने से हरी सब्जियों की कीमत में उछाल सावन में सब्जियों की मांग काफी बढ़ने से इसकी कीमत में काफी उछाल आ गया है. बताते चलें कि पिछले करीब एक महीने से चिलचिलाती धूप के साथ भीषण गर्मी का दंश झेल रहे लोगों को थोड़ी मौसम में राहत मिली तो इधर सावन में सब्जियों की कीमत में गर्मी चढ़ गई. लिहाजा कम आमद वाले लोगों और गरीबों की थाली का सब्जियों का जायका फीका पड़ रहा है. जो लोग किलो- -डेढ़ किलो सब्जियां खरीदते थे अब वे पाव आधा किलो से ही काम चला रहे हैं. सब्जियों की कीमत में आये उछाल की स्थितियों पर गौर करें तो जिले के बाजारों में कोई भी ऐसी हरी सब्जियां नहीं है, जिनकी कीमत 40 रुपए प्रति किलो से नीचे हो. नेनुआ और लौकी जैसी प्रजाति की सब्जियां 50 के पार है. . परवल की कीमत भी 50 के पार है. जबकि करेला की कीमत 40 रुपए किलो तो मिर्चा 100 से 120 रुपया किलो और फूलगोभी 100 से 120 की दर से बिक रही है. वहीं बैगन और बोरी की भी प्रति किलो कीमत 50 से 60 तक पहुंच चुका है. सबसे बड़ी बात यह है कि अरहर और चने की दाल में जायका का तड़का मारने में उपयोगी टमाटर की कीमत शतक पार कर गया है.
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