सड़कों पर कचरा,तो कैसे सुधरेगी स्वच्छता रैंकिंग
नगर पंचायत के गुठनी मेहरौना मुख्य सड़क पर जमा कचरा, सड़कों पर फैली गंदगी, दफ्तर, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थानों की दीवारों पर पान गुटका के लाल निशान व गलियों में नालियों की दुर्गंध. कमोवेश ऐसी ही तस्वीर है गुठनी नगर पंचायत क्षेत्र की. जब कि इस वर्ष के लिए स्वच्छता रैंकिंग के लिए सर्वे शुरू चुका है. ऐसे में 2024 की स्वच्छता रैंकिंग में गुठनी नगर पंचायत की स्वच्छता रैंकिंग नीचे आने की आशंका है.
गुठनी. नगर पंचायत के गुठनी मेहरौना मुख्य सड़क पर जमा कचरा, सड़कों पर फैली गंदगी, दफ्तर, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थानों की दीवारों पर पान गुटका के लाल निशान व गलियों में नालियों की दुर्गंध. कमोवेश ऐसी ही तस्वीर है गुठनी नगर पंचायत क्षेत्र की. जब कि इस वर्ष के लिए स्वच्छता रैंकिंग के लिए सर्वे शुरू चुका है. ऐसे में 2024 की स्वच्छता रैंकिंग में गुठनी नगर पंचायत की स्वच्छता रैंकिंग नीचे आने की आशंका है. इस वर्ष सफाई के 12 मानक निर्धारित किए गए हैं. इसी प्रकार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत 11 मानक निर्धारित किए गए हैं. लेकिन इनमें से एक दो को छोड़कर नगर पंचायत प्रशासन किसी में भी मानक पर खड़ा नहीं उतरा है. मिली जानकारी के अनुसार सफाई के लिए कुल 970 अंक निर्धारित किए गए हैं. सफाई की श्रेणी के लिए इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए जिन बारह श्रेणीयों को निर्धारित किया गया है, उनमें न सिर्फ पान गुटका के लाल निशान है. बल्कि सार्वजनिक यूरिनल के पीले निशान मिलने पर भी इस श्रेणी के अंक नहीं मिलेगा. इसके अलावा जहां स्वच्छ झाडू नहीं लगे होने पर नंबर नहीं देगी. सार्वजनिक स्थानों पर बड़े कूड़ेदान दिखने पर भी स्वच्छता सर्वेक्षण की केंद्रीय टीम अंक काटेगी. सड़क किनारे कचरा मिलने पर भी अंक में कटौती होगी. हाला की नगर पंचायत की ओर से इन सब मानकों को पूरा करने के लिए कवायद की जा रही है. लेकिन अबतक धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 11 मानक तय किए गए है. जिसके लिए 1705 अंक निर्धारित है. नगर पंचायत के लिए सबसे बड़ी चुनौती ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन है. शहर से निकले वाले कचरे को डंप करने के लिए नगर पंचायत के पास न तो जगह और न कचरा निस्तारण की व्यवस्था है. ऐसे में गीले और सूखे एक कचरे एक साथ शहर से उठाकर हाइवे और अन्य सड़कों के किनारे फेक दिए जाते है. जब की नियमानुसार कचरे से खाद बनायी जानी है. नगर पंचायत में पानी निकासी के आउटलेट और नाले भी कम नगर पंचायत में पानी निकासी के लिए छोटे बड़े लगभग तीस से पैंतीस नाले है. इस नालों में कई बीस से पच्चीस साल पुराने है. कुछ चौक है लेकिन नगर पंचायत के द्वारा उड़ाही किया जा रहा है. नगर पंचायत निवासी शैलेश तिवारी बताते है कि शहर में नाला की संख्या बढ़नी चाहिए. साथ ही नालों का पानी निकासी के लिए पर्याप्त आउटलेट की व्यवस्था होनी चाहिए.
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