दरौंदा. थाना क्षेत्र के सिरसांव गांव में एक युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद रविवार की सुबह शव बरामद हुआ. मौत किस वजह से हुई है, इसका पता नहीं चल सका है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिये सीवान भेज दिया. मृतक राजाराम प्रसाद का 25 वर्षीय पुत्र धर्मराज कुमार है. परिजनों का कहना है कि शनिवार की शाम धर्मराज कुमार खाना खाकर सो गया. सुबह में देखा गया तो उसकी मौत हो गयी थी. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दिया. पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन करते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीवान सदर अस्पताल भेज दी. सात जुलाई को थी शादी, भाई से था भूमि विवाद- धर्मराज कुमार की चार जुलाई को तिलक व सात जुलाई को शादी थी. इसको देखते हुए वह बेंगलुरू से घर आया था. वह अलग घर बनाना चाहता था. अभी घर के लिए नींव दिलवाने की स्थिति में था. तब तक उसके भाई और भाभी घर बनाने से रोक दिया. जिसको लेकर मामला स्थानीय थाना में भी गया था. पुलिस ने कहा कि दो भाइयों के बीच आपसी जमीन विवाद है. इसकी वजह से पुलिस ने आपस व पंच में सुलझाने की बात कही. तब तक दो से तीन दिन बाद यह घटना घट गयी. वहीं थानाध्यक्ष छोटन कुमार ने बताया कि मामले में मृतक के पिता ने थाना में आवेदन दिया है. जिसमें अपने बेटे और बहु की की प्रताड़ना से जहर खाकर छोटे पुत्र धर्मराज कुमार के जान देने की बात कही है. मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन कर रही है. मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में भाई -भाभी पर आरोप- धर्मराज के पास से पुलिस ने हाथ से लिखा हुआ एक सुसाइड नोट बरामद किया है. जिसमें लिखा गया है कि मैं धर्मराज कुमार जीना चाहता था. मेरे भाई और भाभी इज्जत के साथ जीने नहीं दी. मैं अपने पापा, मम्मी एवं बहनों के साथ खुशियों के साथ जीना चाहता था. पर मुझे जीने नहीं दिया और पंच ने भी कुछ नहीं किया. जबकि सारा सच जानते हुए पंच को दया नहीं आयी. मेरी मां और बहन के ऊपर क्या बीत रही है, मैं और मेरी मां जानती है. मेरे भाई ने एक बहन की शादी में कुछ पैसा लगाया था. जबसे भाई की शादी हुई तो माता-पिता को छोड़कर अकेले पत्नी के रहने लगा. मुझे अपने मां और बहनों का दुख नहीं देखा गया तो मैं कमाने लगा और अपने परिवार को अच्छा से रखने लगा. कुछ दिन बाद मेरे भाई और भाभी आए, कुछ दिनों तो अच्छा रहा. उसके बाद पिता से कहा कि मेरा पैसा जमा होगा और छोटा भाई का पैसा घर खर्चे में लगेगा. मेरे भाई ने मां और पिताजी को मारकर घायल भी किया था. मेरे शादी थी तो मैं घर बनवा रहा था. मेरे शादी का 34 दिन और बच गया था. रोज-रोज गाली गलौज देना और मारपीट करने के लिए उतारू रहता था. यह मेरे दिल में काफी चोट लगा. जिससे मैं अपने आप को रोक नहीं पाया. मेरी भाभी बहनों के साथ झगड़ा करती थी. मेरा भाई एक जून को दिन 2:18 बजे काम रुकवा दिया और मेरे जगे हुए अरमानों को जला दिया. मेरे दोस्तों, मां मेरे माता-पिता या बहन कोई कुछ नहीं किया है. मेरे मौत का जिम्मेदार भाई और भाभी है. जो मुझे इज्जत से नहीं जीने दिया. मैं अपने परिवार के साथ खुशी से रहना चाहता था. पर उनको यह ख़ुशी इंकार कर दिया. और मैं पिता, भाई, समाज, पंच मेरे वजह से ताना मत मारियेगा. मैं आज जो भी अरमान लेकर मारूंगा, उसे पूरा करने के लिए मेरी तरफ से मां बहनों के लिए है. मैं उन लोगों को छोडूंगा नहीं. पुलिस मेरे बहनों और मां को चोट नहीं पहुंचाना. मैं अपने होश हवास में लिख रहा हूं.
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