सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा पेंशनधारी को बनाया मृत
सरकारी रिकॉर्ड में एक जिंदा महिला पेंशनधारी को मृत बनाया दिया गया. अब महिला जिंदा होने का सबूत देने के लिए प्रखंड से लेकर जिले का चक्कर लगा रही है. मामला हसनपुरा फलपुरा पंचायत का है. जहां जीवित बुजुर्ग विधवा सिया देवी (पति स्व. गया सिंह) को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर उसे पेंशन से वंचित कर दिया गया है. अब वह अपने जिंदा होने का प्रमाण लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रही हैं.
संवाददाता, हसनपुरा. सरकारी रिकॉर्ड में एक जिंदा महिला पेंशनधारी को मृत बनाया दिया गया. अब महिला जिंदा होने का सबूत देने के लिए प्रखंड से लेकर जिले का चक्कर लगा रही है. मामला हसनपुरा फलपुरा पंचायत का है. जहां जीवित बुजुर्ग विधवा सिया देवी (पति स्व. गया सिंह) को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर उसे पेंशन से वंचित कर दिया गया है. अब वह अपने जिंदा होने का प्रमाण लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रही हैं. उसने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर बीडीओ को आवेदन दिया है. महिला ने बताया कि पांच साल पहले उसने पेंशन के लिए आवेदन किया था. तीन साल तक उसे पेंशन मिलती रही. उसके बाद एकाएक पेंशन मिलनी बंद हो गयी. पेंशन बंद हुए करीब दो साल हो गये. वह पेंशन के लिए पंचायत से लेकर जिला व प्रखंड कार्यालय तक का चक्कर लगाती रही. उसे ई-केवाईसी कराने को बोला गया. ई- केवाईसी कराने के कुछ दिन बाद भी उसे पेंशन नहीं मिली तो वह दुबारा प्रखंड कार्यालय पहुंची. पता चला कि उसे मृत घोषित किया है. जांच में उसे मृत घोषित करते हुए उसकी पेंशन बंद कर दी गयी है. अब वह अपना आधार कार्ड सहित तमाम दस्तावेज लेकर अपने जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए लगातार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही है, और बंद पेंशन को फिर से शुरू करने की मांग कर रही है. प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि पेंशन योजना में अब प्रति वर्ष इ- केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया गया है. ई- केवाईसी नहीं कराने के चलते कई बार इस तरह की समस्या होती है. उन्होंने कहा कि मामले में जिला को रिपोर्ट भेजते हुए अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है.
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