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सरयू के बढ़ते जल स्तर से लोगों का पलायन शुरू

प्रखंड के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव पर अभी भी बाढ़ का खतरा मंड़रा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सरयू तथा बूढ़ी गंडक नदियों के जल स्तर बढ़ने से उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सरयू नदी के खतरे के निशान के ऊपर बहने से करीब डेढ़ सौ से अधिक परिवारों के लोग दियारा से धीरे धीरे पलायन करना शुरू कर दिए हैं.

गुठनी. प्रखंड के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव पर अभी भी बाढ़ का खतरा मंड़रा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि सरयू तथा बूढ़ी गंडक नदियों के जल स्तर बढ़ने से उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सरयू नदी के खतरे के निशान के ऊपर बहने से करीब डेढ़ सौ से अधिक परिवारों के लोग दियारा से धीरे धीरे पलायन करना शुरू कर दिए हैं. दियारा से सभी लोग आनाज, कपडे, पशुओं, कागजात, व जरूरी सामान को लेकर जा रहे है. उनका कहना है कि दियारा में जबतक निचले इलाकों में पानी नही गया था. तब तक वहा रहना सुरक्षित था. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक जल संसाधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुध तक लेना मुनासिब नहीं समझा है. गया साहनी, रुदल साहनी, प्रमोद साहनी, द्वारिका साहनी, प्रभु, दीना साहनी, श्रद्धा साहनी, काशी साहनी, ललन, मोहन, राजेंद्र, श्रीकांत, अलगू साहनी, गौतम, हरिलाल, दीनानाथ, नरेश, उमेश, रामाशीष, प्रवेश, रमेश विजय, हरि साहनी, विमला देवी, संतोष पटेल और बनारसी लाल साहनी ने मामले की गंभीरता जांच कर मदद की गुहार लगाई है. वही बाढ़ विभाग के चंद्रमोहन झा ने बताया कि गंगा और बूढ़ी गंढक के जल स्तर बढ़ने से इस तरह के हालत उत्पन हुआ है. इसको सुधरने में चार दिन लग सकते है. विभाग स्थिति पर नजर रखे हुए है. जल संसाधन विभाग ने बनाया अलग वॉर रूम सरयू में तेज कटाव को रोकने के लिए विभाग ने एक खास टीम बनाया है. जिसका काम बालू की बोरिया भरने, मिट्टी लाने, प्लास्टिक बैग, पत्थर लाने, जवानो की ड्यूटी, मजदूरों को काम पर भेजने के लिए बनाया गया है. जो एसडीओ की देखरेख में काम करेगा. वही मंगलवार की सुबह एक्सक्यूटिव इंजीनियर मदन चंद्र चौधरी, जेई सुनील कुमार पंडित ने गोगरा तटबंध और दरौली के सटे नदी इलाकों का निरीक्षण किया. वही पूर्व में किए गए कटाव कार्य का निरीक्षण किया. टीम ने मैरीटार, सोहगरा, सोनहुला, श्रीकरपुर, गोहरुआ, गुठनी, योगियाडीह, तिरबलुआ, ग्यासपुर, दरौली, नरौली, केवटलिया गांव से सटे इलाकों का भी निरीक्षण किया. बाढ़ से हर साल ग्रामीणों को होता है भारी नुकसान सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर से जहां एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वही सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर से निचले इलाकों में पानी जाना शुरू हो गया है. इनमें ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, पाण्डेयपार, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर, गोहरुआ, बिहारी गांवों के सैकड़ो एकड़ जमीन में लगी फसलो को हर साल भारी नुकसान होता है. तिरबलुआ गांव में बाढ़ के पानी से छह सौ लोग है प्रभावित सरयू नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के वजह से तीर बलुआ गांव में घर में घुसने लगा है. जिससे गांव की लगभग 600 से अधिक आबादी बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हुई है. ग्रामीणों की माने तो गांव को जोड़ने के लिए मात्र एक सड़क ही विकल्प के तौर पर बची हुई है. नहीं तो बाढ़ से गांव चारों तरफ से घिर गया है. ग्रामीण इस बात से काफी चिंतित हैं कि नदी द्वारा कटाव और उसके जल स्तर में वृद्धि के वजह से जानमाल के नुकसान की भी संभावनाएं अधिक हो जाती हैं. वही जेई सुनील कुमार पंडित ने बताया कि बढ़ते जल स्तर पर विभाग लगातार नजर रखे हुए हैं. और इसकी रिपोर्टिंग विभाग के वरीय अधिकारियों को समय पर भेजी जाती है.

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