सरयू की धारा में परिवर्तन से लोगों की बढ़ी मुश्किलें
गुठनी. प्रखंड मुख्यालय में बहने वाली सरयू नदी और बूढ़ी गंडक नदी में लगातार हो रहे धारा परिवर्तन से स्थानीय लोग चिंतित है. इसका मुख्य कारण नदी के द्वारा कटाव और नुकसान पहुंचाने को लेकर है.
गुठनी. प्रखंड मुख्यालय में बहने वाली सरयू नदी और बूढ़ी गंडक नदी में लगातार हो रहे धारा परिवर्तन से स्थानीय लोग चिंतित है. इसका मुख्य कारण नदी के द्वारा कटाव और नुकसान पहुंचाने को लेकर है. ग्रामीणों की माने तो नदी का रुख इस बार ग्रामीण क्षेत्र की तरफ अधिक है. जबकि कुछ सालों तक सरयू नदी और बूढ़ी गंडक का धारा दियारा इलाकों के तरफ था. कटाव से दियारा इलाकों में कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ पेड़ पौधों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. वही सरयू नदी के धारा में अचानक परिवर्तन से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है. नदी किनारे बसे करीब एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों ने इसे खतरनाक बताया है. नदी का रुख ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ होने से खतरा बाढ़ से पूर्व सरयू नदी के धारा परिवर्तन से जहां ग्रामीण चिंतित है. इसको लेकर जल संसाधन विभाग पूरी तरह बेफिक्र है. ग्रामीणों का आरोप है की नदी के तरफ लगातार हो रहे कटाव के बावजूद भी विभाग द्वारा अभी तक कोई भी बचाव और राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है. जिससे आने वाले दिनों में बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा. और इससे घर और कृषि योग्य भूमि, पेड़ पौधे,समेत झोपड़ियां को भारी नुकसान होगा. कटाव निरोधी कार्य शुरू होने से बच सकता है गांव सरयू नदी किनारे बसे दर्जनों गांव के लोगों का कहना है कि बाढ़ से पूर्व कटाव विरोधी कार्य शुरू किया जाना चाहिए. ताकि समय से पहले ही आने वाले खतरों से निपटा जा सके. वहीं बाढ़ और कटाव से गांव को सुरक्षित बचाया जा सकता है. साथ ही तटबंधों पर भी बेहतर निगरानी की जरूरत है. कई जगहों पर पशुओं के आने-जाने और कटाव से बांधों को भी नुकसान पहुंचा है. जिसकी मरम्मत समय पूर्व भी हो जानी चाहिए. कनीय अभियंता रजनीश कुमार रवि का कहना है कि हमारी टीम इस तरह के परिवर्तन को लेकर नजर रख रही है. नदी में फिलहाल किसी तरह का कोई मूवमेंट नहीं दिखाई दे रहा है. बाढ़ और कटाव की स्थिति को लेकर तैयारी शुरू की जा रही है.
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