संवाददाता,गुठनी. प्रखंड में सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से दो दर्जन गांवों पर जहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से घुस गया है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के जेइ सुनील कुमार पंडित ने बताया कि सोमवार को सरयू नदी का वर्तमान जलस्तर 60.70 है. और इसका वार्निंग लेवल 59.82 है. नदी अभी डेंजर लेबल से 12 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. उनका कहना था कि पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से वहां की नदियां उफान पर है. जिससे राप्ती नदी और शारदा नदी उफान पर है. और दोनों नदियां नजदीक के ही सरयू नदी से मिलती है. जिससे सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. उनका कहना था कि विभाग नजर रखे हुए हैं. ग्रामीणों की माने तो करीब एक सप्ताह से इसका जलस्तर सामान्य था. नदी में पानी कम होने से निचले इलाकों से भी पानी तेजी से निकल गया था. बैराज और पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार वर्षा बनी आफत सरयू नदी के जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण श्रावस्ती के समीप भिंगा बैराज के सभी गेटों को खोलने से बाढ़ की स्थिति हो गई है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एसडीओ केशव कुमार जैयसवाल ने बताया कि ऐसी स्थिति 1 से 2 दिनों तक रहेगी. उसके बाद की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद है. उनका कहना था कि इस तरह के भयावहता पर विभाग पूरी तरह सजग है. लगातार बढ़ रहे बाढ़ के पानी से लोगो में दहशत व्याप्त है. बाढ़ से हर साल ग्रामीणों को होता है भारी नुकसान सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से जहा एक दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में पानी जाना शुरू हो गया है. इनमें ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, पाण्डेयपार, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर, गोहरुआ, बिहारी, अमरपुर, केवटलिया, नरौली गांवों के सैकड़ो एकड़ जमीन में लगी फसलो को हर साल भारी नुकसान होता है. ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान शौचालय, पीने का पानी, पशुओं का चारा का काफी दिक्कत हो रही है. किसान काफी चिंतित है. बाढ़ के मंडराते खतरे से नही उबर पाते दर्जनों गांव सरयू नदी में बाढ़ से जहां फसलों, कृषि योग्य भूमि, पेड़ पौधे, झोपड़ी को भारी नुकसान होता है. वहीं बाढ़ का पानी निचले इलाकों में चला जाता है. जिनमे गुठनी, गोहरुआ, श्रीकरपुर, योगियाडीह, तिरबलुआ, बलुआ, ग्यासपुर, खड़ौली, पाण्डेयपार, मैरीटार गांव शामिल है. इन गांवों पर हर साल बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है. वहीं कई गांव बाढ़ के पानी में घिरने के बाद टापू मे तब्बदील हो जाते हैं. क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने बताया कि अभी नदी का जल स्तर दो दिन तक बढ़ेगा. वावजूद इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. बैराजों से खुलने से सरयू नदी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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