सरयू नदी के जल स्तर में वृद्धि जारी

सरयू नदी में चार दिनों से उफान लगातार जारी है. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए तटवर्ती इलाके के लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक सत्रों के मुताबिक सरयू नदी में 60.82 को खतरे का निशान निर्धारित किया गया है जबकि वर्तमान में 61.40 सेंटीमीटर पर सरयू नदी का जलस्तर दर्ज किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 27, 2024 9:22 PM

दरौली. सरयू नदी में चार दिनों से उफान लगातार जारी है. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए तटवर्ती इलाके के लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. प्रशासनिक सत्रों के मुताबिक सरयू नदी में 60.82 को खतरे का निशान निर्धारित किया गया है जबकि वर्तमान में 61.40 सेंटीमीटर पर सरयू नदी का जलस्तर दर्ज किया गया है. जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए इलाके के लोगों को भय सता रहा है. दरौली के आसपास इलाकों में बाढ़ जैसा दृश्य नजर आ रहा था. निचले इलाके में सरयू नदी के पानी से फसल डूब गयी है. इसी तरह पानी बढ़ा तो फसलों का और अधिक नुकसान होगा. इस क्रम में दरौली के दूबा,नरौली,बरौली गांव के समीप कटाव भी हो रहे है. जिससे कृषि योग्य सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में विलीन हो रही है. कटाव से भी स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल हो जाता है वही प्रशासनिक स्तर से जो भी संभव हो उपाय किए जाते हैं. इसके लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों कर्मचारी कटाव संभावित क्षेत्रों में लगातार काम पर लगाये गये हैं. गुठनी में सरयू का जल स्तर स्थिर गुठनी. सरयू नदी का जल स्तर कम होने से तटवर्ती इलाकों में बसे किसानों ने राहत की सांस ली है. जल संसाधन विभाग के जेई सुनील कुमार ने बताया कि दरौली में मंगलवार को जारी जल संसाधन विभाग के बुलेटिन के अनुसार सरयू नदी का वर्तमान जलस्तर 61.410 सेमी दर्ज किया गया है. वहीं रविवार को जलस्तर 61.320 सेमी था जबकि शनिवार को 61.200 सेमी दर्ज किया गया था. सरयू नदी का डेंजर लेवल 60.82 सेंटीमीटर है जबकि सिसवन में सरयू नदी का जल स्तर 56.04 सेमी. दर्ज किया गया है. जबकि यहां डेंजर लेवल 57.04 सेमी. तथा वार्निंग लेवल 56.04 सेमी. है. जेइ सुनील कुमार पंडित ने बताया कि जैसे ही पहाड़ी इलाकों और मूसलाधार वर्षा की रफ्तार कम होगी, निचले इलाकों में आने वाले जलस्तर कम हो जायेगी. धान की खेती के लिए जाना जाता है दरौली और गुठनी का क्षेत्र दरौली और गुठनी प्रखंड मुख्यालय के करीब 16 से अधिक गांवों में धान की खेती होती है. इन गांवों में करीब 456 एकड़ भूमि में धान की खेती की जाती है, सरयू नदी के अचानक जल स्तर बढ़ने से निचले इलाकों में जलजमाव जैसी स्थिति उत्पन हो गई है. किसानों की माने तो अचानक बढ़े जलस्तर से निचले इलाकों में पानी घुस गया जो काफी दिनों तक रह सकता है. इसमें धान और अरहर की फसल को काफी नुकसान होने की संभावना है. इससे किसानों के सामने एक विकट समस्या उत्पन्न हो गई है. इस संबंध में कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने बताया कि गुठनी से लेकर सिसवन तक के इलाको की स्थिति सामान्य है. एसडीओ और जेई को समय समय पर बाढ़ और कटाव से संबंधी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.

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