संवाददाता,गुठनी./ दरौली. पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़ने के चलते मैदानी इलाकों के नदियों में बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है. सरयू व बूढ़ी गंडक वार्निग लेबल के निशान से ऊपर बह रही है. इस संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सरयू नदी का निम्न जलस्तर 59.82 है. जो बर्तमान समय ंमे 60.77 घन सेंटीमीटर है. जो वार्निग लेबल से 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यूपी के चित्रकूट और गिरजा बैराज से लगातार पानी छोड़ने से यह स्थिति हुई है. सरयू के बढ़ते जलस्तर से ग्यासपुर, तिरबलुआ, बलुआ, खड़ौली, मैरिटार, पाण्डेयपार, योगियाडीह, गुठनी, गोहरुआ, श्रीकरपुर सहित दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं कई गांवों के निचले इलाकों में पानी घुसने की आशंका से लोगो में दहशत व्याप्त हो गया है. सरयू के बढ़े जलस्तर से निचले इलाकों में घुसता है पानी सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से जहा बाढ़ की स्थिति और भयावह होती जा रही है. वहीं बाढ़ के समय ग्यासपुर व तिरबलुआ गांव के कई घर बाढ़ की पानी में घिर जाते है. लोगो का कहना है कि कब पानी बढ़ जाए इसका कोई गारंटी नही है. वहीं बढ़ते जलस्तर से लोगो मे काफी भय व्याप्त है. लोग इसके पहले अपने सामान और पशुओ के साथ सुरक्षित जगहो पर जाना शूरु कर देते है. जल संसाधन विभाग की टीम ने किया बाढ़ प्रभावित जगहों का दौरा बाढ़ बिभाग के सीनियर अधिकारियों की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाक़ो का दौरा किया. जिसमें ग्यासपुर, तिरबलुआ, योगियाडीह, बलुआ, मैरिटार, सोनहुला, सोहगरा, श्रीकरपुर व गोहरुआ के बांधो को भी जगह जगह टीम ने जांच किया. इस टीम का नेतृत्व खुद कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने किया. टीम ने ग्यासपुर व तिरबलुआ के समीप होने वाले कटाव को भी लेकर निरीक्षण किया. जिसमे एसडीओ केशव कुमार जायसवाल, जेई सुनील कुमार पंडित शामिल थे. कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने बताया कि हमारी टीम लगातार बाढ़ से प्रभावित जगहो का दौरा कर रही है. जहाँ कही भी कटाव की स्थिति हो रही है. वहां प्रसाशन उसको रोकने का प्रयास कर रहा है. अभी हालत नियंत्रण में है.
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