महेंद्रनाथ सरोवर में देसी- विदेशी 34 प्रजाति के 700 पक्षी मिले

एशियाई जलीय पक्षी गणना-2025 के तहत बुधवार को गोपालगंज वन प्रमंडल के सीवान और गोपालगंज जिले में दो स्थानों पर पक्षियों की गणना पूरी की गयी. इसमें कुल 59 प्रजाति के पक्षी नजर आये है. इसमें कुल परिंदे की संख्या करीब 1100 है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2025 10:01 PM

प्रतिनिधि,सीवान. एशियाई जलीय पक्षी गणना-2025 के तहत बुधवार को गोपालगंज वन प्रमंडल के सीवान और गोपालगंज जिले में दो स्थानों पर पक्षियों की गणना पूरी की गयी. इसमें कुल 59 प्रजाति के पक्षी नजर आये है. इसमें कुल परिंदे की संख्या करीब 1100 है. सीवान जिले के सिसवन प्रखंड के मेहदार स्थित महेन्द्र नाथ सरोवर में गिनती के समय 34 पक्षी प्रजाति के 700 पक्षी पाये गये. जिसमें नॉर्दर्न पिनटेल, गडवाल, यूरेशियन कूट, फ़ीज़ंट टेल्ड जैकाना इत्यादि शामिल है. वहीं गोपालगंज में गंडक नदी में दस किलोमीटर के एरिया में गणना पूरी की गयी है. इसमें 25 पक्षियों की प्रजाति के 400 से अधिक पक्षी देखे गये. विशेषज्ञों को इसी माह में पूरे चिन्हित स्थान पर गणना पूरा कर जल पक्षियों की विस्तृत संख्या रिपोर्ट पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को देनी होगी.रिपोर्ट का आंकलन करते वेटलैंड(आर्द्र भूमि) एरिया के विकास और पक्षियों के संरक्षण की कार्य योजना बनेगी. यह गणना पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग व मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के तत्वाधान में चल रहा है. गंडक नदी के अंदर टीम के द्वारा नाव से भ्रमण कर पक्षियों की गणना की गयी. इस गणना में कई प्रवासी और देशी पक्षियों की प्रजाति देखी गयी. . जिसमे रूडी शेल्डक, कॉमन ग्रीनशंक, ब्लैक स्टॉर्क, लेसर व्हिस्टलिंग डक, पाइड किंगफिशर जैसे कुल 25 पक्षियों की प्रजाति को देखा गया है. गणना के दौरान दूरबीन से पक्षियों की गिनती पूरी की जा रही थी. इसके साथ कैमरा में तस्वीर कैद किया जा रहा था. साथ ही 12 गैंगेटिक डॉलफिन और 06 घड़ियाल का दिखना भी गोपालगंज जिले में घड़ियाल सैंक्चुअरी तथा इको टूरिज्म के एक सुंदर भविष्य की संभावना को दर्शाता है. यह गणना पहली बार की गई है. टीम के सदस्यों ने कहा कि जहां चिड़िया लोगों को आनंदित करती है, वही पक्षियों नदी के दृश्य को मनमोहक बनता है. इन्होंने यह भी कहा की गणना में गंडक नदी में कई तरह की पक्षी की प्रजाति देखी गई.टीम में पक्षी विशेषज्ञ, पक्षी प्रेमी, छात्र-छात्राएं, एशियाई जल पक्षी गणना के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कर्मी शामिल रहें. डॉ प्रकाश के मानें तो पक्षी हमारे पर्यावरण के महत्वपूर्ण घटक होते हैं. हमारे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ये हानि कारक किट पतंगों को खाकर हमारे फसलों की रक्षा करते हैं. इनकी विस्ठा से जलाशय तथा खेत उपजाऊ होते हैं. हमें पक्षियों के साथ साथ अन्य जीव जन्तुओं की भी रक्षा करनी चाहिए ताकि हमारा प्राकृतिक संतुलन भी बना रहे और हमारा मनोरंजन भी होता रहे.प्रकृति, प्राकृतिक संसाधनों तथा वन्यजीवों को संरक्षित करके ही हम प्रकृति के संतुलन को बनाए रखा जा सकता है.कृपया, जलाशय को प्रदूषित ना करें, पोलिथिन की थैलियां ना फेंके और इन मेहमान पक्षियों को संरक्षण दे, यह हमारी संस्कृति है और आज की आवश्यकता भी. गणना के समय पक्षियों की उपस्थिति को देखकर हमारे दल के सदस्य काफी उत्साहित हुए. हमारे दल के फोटोग्राफर ने पक्षियों के झुंड को अपने कैमरे में कैद करने में सफल हुए हैं. यह गणना में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से डॉ प्रकाश, अहबर आलम तथा विकास अर्णव, राजकुमार प्रसाद, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, माधुरी कुमारी, अभिषेक कुमार, प्रकाश कुमार, आशदेव कुमार, तृषा पासवान हिमांशु शेखर, वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, राकेश कुमार, राजेश्वर प्रसाद, अनुपम सिंह, श्वेता कुमारी एवं अन्य वनकर्मियों शामिल रहे.

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