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सरयू व बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 13 सेमी नीचे

पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़ने के चलते नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गयी है. सरयू व बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. इस संबंध में विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक दरौली में सरयू नदी का निम्न जल स्तर 60.82 है, जो वर्तमान समय में 60.69 घन सेंटीमीटर बह रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 9:41 PM

गुठनी (सीवान). पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश और बैराजों से पानी छोड़ने के चलते नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गयी है. सरयू व बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. इस संबंध में विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक दरौली में सरयू नदी का निम्न जल स्तर 60.82 है, जो वर्तमान समय में 60.69 घन सेंटीमीटर बह रही है. वहीं, सिसवन में सरयू नदी का निम्न जल स्तर 57.04 है, जो वर्तमान समय में 56.160 घन सेंटीमीटर बह रही है. ग्रामीणों का कहना था कि तीन दिनों से नदी के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुआ है. वहीं, विभाग द्वारा बनायी गयी टीम ने गुरुवार की सुबह सोहगरा से केवटलीया तक सरयू नदी के सटे इलाकों में गहनता से निरीक्षण किया. उनके द्वारा नये कटाव करने, निचले इलाकों में पानी घुसने, खेती योग्य भूमि को नुकसान, आसपास के घरों पर खतरा, बांधों को खतरा, ग्रामीणों से बातचीत, बांधों की सुरक्षा व्यवस्था शामिल है. वहीं, विभाग नदी द्वारा नये कटाव स्थलों का विश्लेषण कर उसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजने की बात बतायी है. सरयू नदी द्वारा कटाव करने से खेती योग्य भूमि को भारी नुकसान होता है, जिनमें सोहगरा, सोनहुला, श्रीकरपुर, गोहरुआ, गुठनी, योगियाडीह, तिरबलुआ, ग्यासपुर, दरौली, नरौली, केवटलिया, डूमरहर, अमरपुर, गंगपुर, सिसवन गांव से सटे इलाकों में इस वर्ष लगभग सौ एकड़ जमीन पानी में बह गयी. ग्रामीणों का आरोप था कि हर साल कटाव के बावजूद विभाग कोई त्वरित काम नहीं करता, ताकि बाढ़ से पूर्व कटाव को रोका जा सके. माले विधायक सत्यदेव राम का कहना है कि विभाग की लापरवाही से मजदूर, गरीब, किसान और पिछड़े वर्ग के लोगों को भारी नुकसान हो रहा है. इसमें अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा मोटी और गाढ़ी कमाई करके अपना जेब भरा जा रहा है. लेकिन, इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. आने वाले दिनों में पार्टी इस पर भी आंदोलन करेगी. इस संबंध में एक्सक्यूटिव इंजीनियर मदन चंद्र झा ने बताया कि गुठनी से लेकर सिसवन तक के इलाकों में एसडीओ, जेइइ की तैनाती की गयी है. उनको समय-समय पर बाढ़ और कटाव से संबंधी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है.

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