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सीएमआर नहीं देने वाले पैक्स पर एफआइआर

पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) का चुनाव नवंबर में होगा. समय से चुनाव कराये जाने को लेकर विभिन्न स्तरों पर तैयारी पूरी की जा रही है. लेकिन जिले में दर्जन से अधिक पैक्स में वर्तमान समिति के चुनाव लड़ने पर तलवार लटकी हुई है. क्योंकि इन पैक्स द्वारा अभी तक अधिप्राप्ति वर्ष 2023-24 में सीएमआर एसएफसी में जमा नहीं कराया गया है. वहीं सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीद करने वाले अगर तीन दिनों में छह समितियां बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर उपलब्ध नहीं करती है तो उन पर सरकारी राशि गबन मामले में विधि सम्मत कार्रवाई होगी

सीवान. पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) का चुनाव नवंबर में होगा. समय से चुनाव कराये जाने को लेकर विभिन्न स्तरों पर तैयारी पूरी की जा रही है. लेकिन जिले में दर्जन से अधिक पैक्स में वर्तमान समिति के चुनाव लड़ने पर तलवार लटकी हुई है. क्योंकि इन पैक्स द्वारा अभी तक अधिप्राप्ति वर्ष 2023-24 में सीएमआर एसएफसी में जमा नहीं कराया गया है. वहीं सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों से धान खरीद करने वाले अगर तीन दिनों में छह समितियां बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर उपलब्ध नहीं करती है तो उन पर सरकारी राशि गबन मामले में विधि सम्मत कार्रवाई होगी. नवंबर माह में होने वाले चुनाव से वंचित भी होना पडेगा. दी सीवान सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने ऐसे सभी अध्यक्ष व प्रबंधक को नोटिस जारी किया है. अभी भी समितियां के पास करीब 1497 एमटी चावल फंसा हुआ है. विभाग के तरफ से समय सीमा में वृद्धि की गयी, लेकिन उसके बाद भी रूचि नहीं दिखायी जा रहीं है. प्रभारी एमडी ने गोरेयाकोठी प्रखंड के सानी बसंतपुर, गुठनी के गुठनी पश्चिम, जतौर, दरौदा प्रखंड के कोराडी, रामगढा और करसौत पैक्स अध्यक्ष व प्रबंधक को नोटिस दिया है. कहा है कि धान अधिप्राप्ति वर्ष 2023-24 अन्तर्गत क्रय किये गये धान के समतुल्य सीएमआर अवशेष राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति नहीं किया गया है. जमा नहीं होने के कारण गबन किया गया प्रतीत हो रहा है. एमडी ने सख्त निदेश दिया है कि अविलंब अवशेष सीएमआर राज्य खाद्य निगम सीवान को आपूर्ति करें. अन्यथा नियमानुसार प्राथमिकी करते हुए राशि की वसूली की जायेगी. इसके पहले जिला सहकारिता विभाग से भी नोटिस जारी किया गया था. बताते चलें कि 247 क्रय समितियों ने 7839 किसानों से 43712.285 एमटी धान की खरीद की थी. खरीदे गये धान के बदले मीलिंग कराकर सीएमआर 29724 एमटी एसएफसी के क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराना था. जबकि समितियों ने 28227.810 एमटी चावल एसएफसी के क्रय केंद्रों पर जमा करा सके है. वहीं जेआर ने कहा है कि सरकार से निर्देश प्राप्त है कि विकेंद्रीकृत अधिप्राप्ति व्यवस्था अंतर्गत धान अधिप्राप्ति से संबद्ध सभी राशि सरकारी राशि है. खरीफ विपणन मौसम 2023-24 अंतर्गत सुनिश्चित किया जाए कि जिन जिलों द्वारा निर्धारित समय सीमा अंतर्गत अधिप्राप्ति धान की मिलिंग समतुल्य फोर्टीफायड चावल गुणवता की जांचोपरांत जमा नहीं किया जाता है, तो वैसी स्थिति में जिलों के संबंधित पैक्स अध्यक्ष, व्यापार मंडल, राइस मिल को अविलंब चिन्हित किया जाए एवं उनके विरूद्ध कानूनी, अनुशासनिक कार्रवाई एवं अन्य आवश्यक कार्रवाई यथा-सर्टीफिकेट केस किया जाये.

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