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सीसीटीवी कैमरे से ओवरलोड वाहनों की होगी जांच

सीवान.बालू तस्करी के खेल पर नकेल कसने के लिये अब तीसरी आंख अर्थात सीसीटीवी से नजर रखी जायेगी.विभागीय स्तर पर जिले में यह पहल विशेषकर यूपी सीमा से सटे इलाके में शुरू की जा रही है. इसके लिये चेकपोस्ट बनाने का काम मैरवा प्रखंड के धरनी छापर में शुरू कर दिया गया है. दरौंदा व गुठनी में भी चेक पोस्ट का निर्माण प्रस्तावित है.यहां उच्च क्षमता वाले हाई रिज्योलूशन कैमरे लगाये जायेंगे.

संवाददाता ,सीवान.बालू तस्करी के खेल पर नकेल कसने के लिये अब तीसरी आंख अर्थात सीसीटीवी से नजर रखी जायेगी.विभागीय स्तर पर जिले में यह पहल विशेषकर यूपी सीमा से सटे इलाके में शुरू की जा रही है. इसके लिये चेकपोस्ट बनाने का काम मैरवा प्रखंड के धरनी छापर में शुरू कर दिया गया है. दरौंदा व गुठनी में भी चेक पोस्ट का निर्माण प्रस्तावित है.यहां उच्च क्षमता वाले हाई रिज्योलूशन कैमरे लगाये जायेंगे.इसको लेकर कवायद विभागीय स्तर पर शुरू हो गयी है.ये कैमरे ट्रकों अथवा अन्य वाहनों पर लोड कर ले जाये जा रहे बालू, गिट्टी आदि की पहचान कर सकेंगे. साथ ही कैमरों से उन वाहनों पर ओवरलोड की भी जांच की जा सकेगी. मैरवा थाना क्षेत्र के धरनी छापर में जहां चेकपोस्ट बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है.वहीं गुठनी थाना के सिलकरपुर चेक पोस्ट व दरौंदा थाना क्षेत्र में सीवान-छपरा मुख्य मार्ग पर चेकपोस्ट का निर्माण प्रस्तावित है. यहां पर निर्माण के लिये अभी तक प्रशासनिक स्तर से जमीन नहीं उपलब्ध हो पाया है.एक चेकपोस्ट के निर्माण पर करीब 5.58 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. जब्त वाहनों को रखने के लिए चिन्हित की गयी जमीन पोस्ट पर बालू व गिट्टी का ओवर लोड वाहनों की जांच होगी ताकि तस्करी कर यूपी से बिहार या बिहार से यूपी के तरफ वाहन प्रवेश नहीं हो सके. यहां पर प्रशासनिक कक्ष सहित विश्राम कक्ष ,टॉयलेट सहित अन्य भवन बनाया जा रहा है. उसके आसपास ही जब्त किये गये वाहनों को रखने के लिए जमीन चिन्हित किया गया है.इन जगहों पर बनाये जाने वाले रोड इंट्री पर लगे कैमरों का सीधा संपर्क जिला कमांड कंट्रोल रूम से होगा. ये सभी कैमरे कमांड कंट्रोल रूम को सूचना देंगे और इसके आधार पर खनन विभाग की टीम कार्रवाई करेगी.वाहनों के चलते रहने के दौरान ये कैमरे बिना इन्हें रोके वाहनों पर लोड खनिजों व इसके ओवरलोड आदि की जानकारी कमांड कंट्रोल रूम को देगा. इसकी जानकारी के आधार पर भी खनन टीम कार्रवाई कर सकेगी. सफेद बालू घाट का बंदोबस्ती 2019-20 के बाद से अब तक नहीं हो पाई सफेद बालू घाट की बंदोबस्ती वर्ष 2019-20 के बाद से अब तक आठ घाटों की नहीं हो पायी है.इससे विभाग को करोड़ों रुपये की क्षति हो रही है. विभाग ने पिछले साल टेंडर निकाला था लेकिन कोई बंदोबस्ती के दावेदार नहीं मिल रहे हैं. एक बार की बंदोबस्ती में एक ही दावेदार होने के चलते टेंडर नहीं हो पाया. अब फिर निविदा निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.अभी आठों बालू घाटों पर खनन विभाग ने अवैध बालू खनन को रोकने के लिए बोर्ड लगाया है. इसके बावजूद अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है. क्या कहते हैं अधिकारी इसके निर्माण से अवैध खनन, परिवहन व ओवरलोड के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि दो शिकायत मुख्यालय से प्राप्त हुई थी. इसके आधार पर जांच कराई गई है. भगवानपुर हाट में सात वाहन पकड़े गए थे. इसके साथ ही दरौली में अवैध खनन के मामले में भी जांच कराई गई थी. बलवंत कुमार, जिला खनिज विकास पदाधिकारी

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