शारदीय नवरात्र कल से ,12 को मनेगी विजयादशमी

शारदीय नवरात्र की शुरुआत तीन अक्टूबर से हो रहा है. समापन विजयादशमी के दिन 12 अक्टूबर को होगा.नवरात्र में इस साल माता रानी डोली पर सवार होकर आयेंगी और मुर्गे पर मां का प्रस्थान होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां के दोनों सवारी अमंगलकारी बताया गया हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 1, 2024 10:12 PM

संवाददाता, सीवान. शारदीय नवरात्र की शुरुआत तीन अक्टूबर से हो रहा है. समापन विजयादशमी के दिन 12 अक्टूबर को होगा.नवरात्र में इस साल माता रानी डोली पर सवार होकर आयेंगी और मुर्गे पर मां का प्रस्थान होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां के दोनों सवारी अमंगलकारी बताया गया हैं. पंडितों और आचार्यों के अनुसार देवी मां के डोली पर सवार होकर आना शुभ नहीं माना गया हैं. डोली की सवारी से देश में आर्थिक मंदी होगी और महामारी बढ़ने के संकेत भी हैं. वहीं मुर्गे पर प्रस्थान करना भी अशुभ माना गया हैं.ऐसे में लोगों के बीच आपसी कलह बढ़ेगा. नवरात्रि को लेकर घर की गृहणियां कलश स्थापना के लिए घरों की साफ-सफाई शुरू कर दी हैं. देवी मंदिरों में भी तैयारियां अंतिम दौर में हैं. बाजारों में माता रानी के श्रृंगार सामग्री और पूजन सामान की बिक्री बढ़ने लगी हैं सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग में खरीदारी फलदायी आचार्य पं. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्र में पांच से आठ अक्टूबर तक सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग बन रहा है. इसके बाद 11 व 12 अक्टूबर को यह दोनों योग बन रहे हैं.धार्मिक मान्यता है कि शुभ योग में माता रानी के पूजा-अर्चना और बाजारों में सोने-चांदी, कपड़े, श्रृंगार प्रसाधन आदि की खरीदारी करना फलदायी साबित होगा. शुभ मुहूर्त में करनी होगी कलश की स्थापना नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने के साथ जौ बोये जाते हैं. कलश स्थापना तीन अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर 7 बजकर 23 मिनट तक होगा. इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में कलश स्थापना शुभ माना गया हैं. नवरात्र में बढ़ती हैं ड्राइ फ्रूट्स की मांग ड्राइ फ्रूट्स बेचने वाले किराना कारोबारी देवेन्द्र प्रजापति ने बताया कि ड्राइ फ्रूट्स की बिक्री त्योहारी सीजन में अधिक होती हैं. नवरात्र, दीपावली व छठ महापर्व में इसकी मांग बढ़ जाती हैं. इन पर्वों में व्रतियों की संख्या अधिक रहती हैं और उपवास रहने वाले व्रती ड्राई फ्रूट्स का हर दिन उपभोग करते हैं.देवी-देवताओं को भोग लगाने में भी इनका उपयोग किया जाता हैं. इन पर्वों को देखते हुए ड्राई फ्रूट्स सामान का विशेष ऑर्डर देकर स्टॉक किया जाता हैं. कारोबारियों की माने तो त्योहारी सीजन में ड्राई फ्रूट्स की बिक्री बाजारों में करीब दस लाख से अधिक की होती हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version