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सिवान सीट से शहाबुद्दीन जीतते रहे लेकिन हिना शहाब को मिलती रही हार, अब बेटे ओसामा पर खेल सकती हैं दांव

बिहार के सिवान लोकसभा सीट से शहाबुद्दीन की पत्नी या उनका बेटा चुनाव लड़ सकता है. जानिए क्या है ताजा हलचल..

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 11, 2024 11:51 AM

Lok Sabha Election 2024: बिहार की राजनीति में फिर एकबार बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के नाम की चर्चा छिड़ गयी है. सिवान के सांसद रह चुके शहाबुद्दीन का निधन कोरोनाकाल में ही हो चुका है लेकिन अब उनका परिवार फिर एकबार सिवान की राजनीति में सक्रिय होने की तैयारी में है. शहाबुद्दीन की बनायी सियासी जमीन को फिर से पाने की कोशिश में उनकी पत्नी हिना शहाब और बेटा ओसामा शहाब लगे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में शहाबुद्दीन के परिवार का कोई सदस्य निर्दलीय मैदान में उतर सकता है. इसका खुलासा खुद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने किया है.

सिवान में शहाबुद्दीन के नाम का चलता रहा सिक्का

उत्तर बिहार के सिवान संसदीय क्षेत्र की पहचान देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉं राजेंद्र प्रसाद के नाम से होती है. समय का पहिया आगे बढ़ता गया और इस क्षेत्र की सियासत का रंग भी बदलता गया. एक समय आया जब सिवान की सियासत में बाहुबली नेता शहाबुद्दीन का डंका बजने लगा. कहते हैं एक दौर ऐसा भी था जब सिवान का पत्ता भी शहाबुद्दीन की मर्जी के बगैर नहीं हिलता था. वे लगातार तीन बार व कुल चार बार इस सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे. जब कानूनी शिकंजा कसने के बाद कोर्ट ने शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर रोक लगायी तो उनकी पत्नी हिना शहाब मैदान में उतरीं. लेकिन अबतक शहाबुद्दीन की खिसकी सियासी कुर्सी को वापस लाने में उनका परिवार सफल नहीं हो सका है. अब फिर एकबार हिना शहाब चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं.

शहाबुद्दीन का सियासी सफर..

सिवान के जीरादेई विधानसभा सीट से शहाबुद्दीन पहली बार 1990 में निर्दलीय लड़कर जीते थे. उसके बाद 1995 में जनता दल के उम्मीदवार बनकर विधायक बने. फिर 1996 से 2004 तक वो राजद के टिकट पर चार बार सांसद चुने गए थे. 2004 का लोकसभा चुनाव उन्होंने जेल से रहकर ही लड़ा था और चुनाव में जीत मिली थी. 2005 में जब वो जेल से बाहर आए तो तत्कालीन डीएम ने सीसीए के तहत उन्हें जिला बदर कर दिया था. जिसके बाद दिल्ली व पटना में ही उनका समय गुजरा था. 2021 में तिहाड़ जेल में कैद के दौरान कोरोना से उनकी मौत हो गयी थी.

शहाबुद्दीन के बाद हिना शहाब को नहीं मिली कभी जीत

राजद के बाहुबली सांसद रहे शहाबुद्दीन अपने राजनीति जीवन में 13 साल बाहर तो 18 साल जेल में रहे. जब 2009 में शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर कोर्ट ने रोक लगायी तो उनकी पत्नी हिना शहाब मैदान में उतरीं. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव ने उन्हें हरा दिया था. ओमप्रकाश यादव ने बाद में भाजपा का दामन थामा. वहीं जब 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर चली तो ओमप्रकाश यादव ने फिर से सिवान सीट पर हिना शहाब को हराया था. इसके बाद 2019 में यह सीट जदयू के खाते में गयी और कविता सिंह इस सीट से एनडीए की ओर से जीतकर अभी सांसद हैं. इस चुनाव में राजद ने हिना शहाब को उम्मीदवार बनाया था. हिना शहाब को 3,31,515 वो मिले थे और दूसरे नंबर पर रही थीं.

अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान..

बताते चलें कि मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली में ही दफनाया गया था. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को पिछले साल एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वहीं उनकी पत्नी हिना शहाब ने अब मीडिया को कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में सिवान से वो खुद या उनका बेटा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. राजद से किसी नाराजगी की चर्चा को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि निर्दलीय ही वो या उनका बेटा मैदान में उतरेगा. बता दें कि शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके पुत्र ओसामा सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे हैं लेकिन अभीतक किसी चुनाव में उन्होंने अपनी किस्मत नहीं आजमाया है.

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