शहीद जवान की मां को सेना ने किया सम्मानित
प्रखंड क्षेत्र के गयासपुर निवासी मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित राहुल श्रीवास्तव की मां रेणु देवी ने अपने शहीद बेटे को दिल्ली स्थित अमर वीर जवान ज्योति श्रद्धांजलि अर्पित किया. वहां मौजूद भारतीय सेना बिहार रेजीमेंट चतुर्थ बटालियन के अधिकारी और जवानों ने शहीद जवान की मां को सम्मानित किया.
संवाददाता, सिसवन. प्रखंड क्षेत्र के गयासपुर निवासी मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित राहुल श्रीवास्तव की मां रेणु देवी ने अपने शहीद बेटे को दिल्ली स्थित अमर वीर जवान ज्योति श्रद्धांजलि अर्पित किया. वहां मौजूद भारतीय सेना बिहार रेजीमेंट चतुर्थ बटालियन के अधिकारी और जवानों ने शहीद जवान की मां को सम्मानित किया. उस दौरान मां की आंखें नम हो गई.श्रद्धांजलि देने के बाद गांव पहुंची शाहिद राहुल श्रीवास्तव की मां ने बताया कि 7 अक्टूबर 2006 की वह शाम मुझे आज भी याद है, जब कश्मीर के पुंछ में तैनात मेरा बड़ा बेटा राहुल वहां के माहौल के बारे में जानकारी दे रहा था. उसे शेरो-शायरी का बहुत शौक था. बात-बात में उसने एक शेर सुनाया, ””””लिखा परदेश किस्मत में वतन को याद क्या करना, जहां बेदर्द हो हाकिम वहां फरियाद क्या करना.जब मुझे उसकी बात समझ में नहीं आई तो उसने हंसते हुए कहा- मां एक सैनिक के लिए देश के लिए युद्ध करने से बेहतर कोई दूसरा पुण्य नहीं है.उस समय मैंने उसकी बातों की ओर ध्यान नहीं दिया, लेकिन उसने ऐसा काम किया कि उसकी कहानी सुनाने से मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है. कई गोलियां लगने के बाद भी चौथे आतंकी को मार गिराया- बेटे की शादी नहीं हुई थी. मुझे बताया गया कि 8 अक्टूबर 2006 की सुबह करीब तीन बजे राहुल अपनी प्लाटून के साथ एंबुस लगाकर बैठा था .उसी वक्त सीमा पर कुछ हरकत दिखाई दी. दुरबीन से दिखा कि चार आतंकी तार काट एक-एक कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. यह देखकर वह अपनी प्लाटून के साथ तैयार हो गया और आतंकियों के नजदीक आने का इंतजार करने लगा. तीन आतंकी सीमा में प्रवेश कर गए, लेकिन चौथा सीमा के उसी ओर खड़ा रहा. इससे स्थिति थोड़ी गंभीर हो गई. तीनों आतंकी धीरे-धीरे बढ़ते हुए उनके पास आ गए. जद में आते ही राहुल ने फायरिंग शुरू कर दी.दोनों ओर से गोलियां चलीं पर राहुल ने तीनों को अकेले ढेर कर दिया. राहुल ज्योंहि आतंकियों की ओर बढ़े, सीमा पर खड़े चौथे आतंकी ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी. कई गोलियां लगने के बावजूद राहुल ने वीरगति प्राप्त करने के पहले चौथे आतंकी को भी मौत के घाट उतार दिया था.
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