शिक्षक हत्याकांड में छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज
दरौंदा थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी शिक्षक भरत मांझी हत्याकांड मामले में मृतक के पुत्र सुशील कुमार पासवान ने महाराजगंज थाना में आवेदन देकर गांव के धीरज कुमार सिंह,सिवान विग्रह निवासी अंकित कुमार सिंह व शिवम कुमार सिंह तथा दुर्गेश कुमार सिंह,ऋषभ प्रताप सिंह तथा भानू प्रताप सिंह को आरोपित किया गया है.
संवाददाता,महाराजगंज. दरौंदा थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी शिक्षक भरत मांझी हत्याकांड मामले में मृतक के पुत्र सुशील कुमार पासवान ने महाराजगंज थाना में आवेदन देकर गांव के धीरज कुमार सिंह,सिवान विग्रह निवासी अंकित कुमार सिंह व शिवम कुमार सिंह तथा दुर्गेश कुमार सिंह,ऋषभ प्रताप सिंह तथा भानू प्रताप सिंह को आरोपित किया गया है. मृतक के पुत्र सुशील कुमार पासवान द्वारा थाने में दिए गए आवेदन में कहा है कि दरौंदा थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी दुर्गेश कुमार सिंह सहित अन्य के साथ पूर्व से विवाद चल रहा था.उक्त व्यक्तियों द्वारा कई बार जान मारने कि धमकी भी दिया जा चुका है. इन्हीं लोगों के साजिश के तहत धीरज कुमार सिंह, अंकित कुमार सिंह व शिवम कुमार सिंह ने 4 अक्टूबर कि देर शाम महाराजगंज से बाजार कर मोटरसाइकिल से अपने घर शेरपुर जा रहे थे. इसी क्रम में पहले से घाट लगाये आरोपियों ने महाराजगंज थाना क्षेत्र के धनछुआ नहर के समीप मेरे पिता के सिर मे गोली मारकर हत्या कर दिया था.महाराजगंज प्रभारी थानाध्यक्ष उपेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र के बयान पर छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज का गई है.प्राथमिकी दर्ज होने के बाद महाराजगंज पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. सभी आरोपी घर छोड़कर फरार हैं. एससी-एसटी कर्मचारी संघ ने अपराधियों के गिरफ्तारी की मांग की सीवान. अनूसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ की मासिक बैठक डॉ आंबेडकर सामुदायिक भवन में बीके प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. जिसमें तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में मध्य विद्यालय ढेवर के शिक्षक भरत मांझी की हत्या की निंदा करते हुए कर्मचारी संघ की तरफ से हर संभव मदद करने का संकल्प लिया गया. दस सदस्यीय टीम बनाकर भरत मांझी के घर जाकर प्रशासन से मिलकर मृतक के परिवार वालों को हर संभव मदद करने और अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग करने का निर्णय लिया गया.इसके आलावा 26, 27 व 28 अक्टूबर को होने वाले धम्म संसद की सफलता को लेकर लिया गया और 300 लोगों को शिक्षित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में एडवोकेट गणेशाराम, बाल कुंवर साह, रामदास, ललन बैठा, प्रो बीरेंद्र प्रसाद यादव, मोतीलाल बौद्ध, रामनरेश बैठा, मनोज बौद्ध, शैलेंद्र चौधरी, रंजय कुमार, सत्यनारायण प्रसाद, शंभू नाथ प्रसाद, सुदर्शन प्रसाद, रमन प्रसाद गोड़, संतोष कुमार, विश्वकर्मा कुमार, केशव कुमार आदि उपस्थित थे.
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