सिसवां-तिलमापुर मार्ग पर जलजमाव से परेशानी
प्रखंड के सिसवां-तिलमापुर मुख्य सड़क पर जल जमाव से आम लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. लगभग आठ किलोमीटर लंबी इस बदहाल सड़क के निर्माण के लिए कोई प्रयास होता नहीं दिखाई दे रहा है.प्रखंड के सिसवां मोड़ से तिलमापुर तक लगभग आठ किलोमीटर लंबी यह सड़क सिसवां, बसदेवा, ताली, बिशुनपुरा, विश्रामपुर, सेमरा तथा तिलमापुर आदि गांवों में बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है.
नौतन. प्रखंड के सिसवां-तिलमापुर मुख्य सड़क पर जल जमाव से आम लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. लगभग आठ किलोमीटर लंबी इस बदहाल सड़क के निर्माण के लिए कोई प्रयास होता नहीं दिखाई दे रहा है. प्रखंड के सिसवां मोड़ से तिलमापुर तक लगभग आठ किलोमीटर लंबी यह सड़क सिसवां, बसदेवा, ताली, बिशुनपुरा, विश्रामपुर, सेमरा तथा तिलमापुर आदि गांवों में बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. उक्त सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3 सितंबर 2018 को बनकर तैयार हो गई थी. सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है, कि निर्माण के कुछ साल बाद ही सड़क जगह-जगह टूटने व उखड़ने लगी और जगह-जगह पर गड्ढों में तब्दील होने लगी. बाद में गड्ढों में ईंटों के टुकड़े और मिट्टी डालकर रोलर चला दिया गया. लेकिन प्रशासन से लेकर प्रतिनिधि तक सभी एक-दूसरे का मुंह देखते रहे. किसी ने भी सड़क निर्माण से लेकर मरम्मति तक खाना-पूर्ति कराने वाले ठेकेदार से कुछ भी कहना या पूछना मुनासिब नहीं समझा. . सिसवां में दो जगहों पर लगभग डेढ़-डेढ़ सौ मीटर तक सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई है और वहां पर जल जमाव हो जाने से सड़क झील में तब्दील हो गई है. इस वजह से वहां से होकर निकलना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है. बसदेवा और ताली में भी सड़क की स्थिति वैसी ही है. सबसे ज्यादे खतरनाक बिशुनपुरा में है, जहां लगभग दो सौ मीटर तक सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त हो गई है. वहां पर ज्यादा जल जमाव हो जाता है, जिससे सड़क नहर तब्दील हो जाती है और वहां से होकर गुजरना खतरों से खाली नहीं होता. कई बार उक्त गड्ढों में राहगीर गिर भी जाते हैं. विश्रामपुर, चफवां, सेमरा और तिलमापुर में भी सड़क की बदहाली से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है.
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